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'एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर में सहमति से संबंध बनाने पर नहीं दर्ज करा सकते रेप केस', झारखंड HC का फैसला

झारखंड हाई कोर्ट ने एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर से जुड़े एक मामले में रेप केस दर्ज कराने का आदेश देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि अगर किसी महिला ने शादीशुदा मर्द से सहमति से संबंध बनाए हैं तो वह बाद में रेप या यौन शौषण का केस नहीं दर्ज कर सकती.

झारखंड हाई कोर्ट ने एक्स्ट्रा मैरिट अफेयर पर सुनाया बड़ा फैसला झारखंड हाई कोर्ट ने एक्स्ट्रा मैरिट अफेयर पर सुनाया बड़ा फैसला
सत्यजीत कुमार
  • रांची,
  • 10 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 3:04 PM IST

झारखंड हाई कोर्ट ने एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर से जुड़े एक रेप मामले में अहम फैसला सुनाया है. जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की कोर्ट ने कहा कि शादी के बाद किसी गैर मर्द से सहमति से फिजिकल संबंध बनाने के बाद महिला रेप या यौन शौषण का केस नहीं दर्ज कर सकती.

दरअसल झारखंड हाई कोर्ट में देवघर के मनीष कुमार ने अपने ऊपर हुए एफआईआर को रद्द करने या स्क्वैश करवाने की पिटीशन हाई कोर्ट में लगाई थी. उस पर एक महिला ने देवघर के सीजेएम कोर्ट में रेप का मामला दर्ज करवाया था. मनीष पर शादी का झांसा देकर यौन शौषण करने का आरोप था. 

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मनीष ने अपनी अर्जी में कहा कि उसकी महिला यानी याचिकाकर्ता से मुलाकात देवघर में हुई थी. महिला शादी शुदा थी लेकिन उसने बताया था कि वो अपने हसबैंड के साथ तलाक लेने के बाद मनीष से शादी कर लेगी. इस बीच दोनों में सहमति से संबंध बन गए लेकिन शादी से मनीष ने मना कर दिया. महिला ने मनीष के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में अर्जी लगाई कि उसने यौन शौषण किया है.

झारखंड हाई कोर्ट ने इस मामले में कहा कि शादीशुदा द्वारा शादीशुदा से शादी का वायदा करना ही अवैध है. दोनों ही अगर जानते हैं कि दोनों शादी शुदा हैं तो शादी का वायदा ही गलत है, इसलिए उसके ऊपर आईपीसी की  धारा 376 नहीं लगाई जा सकती. शादी शुदा ने सहमति और कंसेंट से संबंध बनाया है.

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