
हिजाब विवाद को लेकर आज कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया. उस फैसले में साफ कर दिया गया कि हिजाब इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं है. ये भी जोर देकर कहा गया कि कॉलेज में यूनिफॉर्म में ही एंट्री होगी. अब इस आदेश के बाद एक तरफ राज्य सरकार ने राहत की सांस ली है तो दूसरी तरफ याचिकाकर्ताओं में आक्रोश है. मीडिया से बात करते हुए उन छात्राओं ने अपना विरोध दर्ज करवाया है.
कोर्ट का फैसला, बवाल नहीं थमा
स्पष्ट कहा गया है कि बिना हिजाब के कॉलेज में कदम नहीं रखा जाएगा. ये भी कहा गया कि इस पूरे मामले को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया गया. उन्होंने बोला कि बिना हिजाब के हम कॉलेज अटेंड नहीं करने वाले हैं. आज हमारे साथ पूरी तरह अन्याय हुआ है. हम अपने देश से ही ठगा हुआ सा महसूस कर रहे हैं. हम तो अपने बस एक अधिकार की बात कर रहे थे. हम अपने अधिकार के लिए अंत तक लड़ते रहेंगे.
याचिकाकर्ताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि इस एक विवाद की वजह से अब कई छात्राएं स्कूल-कॉलेज में शिक्षा से वंचित रह जाएंगी. उन्होंने कहा कि ये कॉलेज के अंदर का मुद्दा था, इसे वहीं पर सुलझाना चाहिए था. इसे जानबूझकर राजनीतिक और सांप्रदायिक रंग दिया गया. आज कितनी सारी लड़कियां संघर्ष कर रही हैं, अपनी शिक्षा का अधिकार खो रही हैं.
छात्राओं की शिक्षा पर असर?
वे आगे कहती हैं कि अब कितने माता-पिता अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए स्कूल नहीं भेजेंगे. हम मानसिक रूप से टूट चुके हैं. हमें उनसे कही ज्यादा उम्मीद थी. आज अगर डॉक्टर अंबेडकर जिंदा होते, तो वे जरूर रो रहे होते. वहीं क्योंकि अदालत ने अपने फैसले में साफ-साफ कहा है कि हिजाब इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है, इस पर भी याचिकाकर्ताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
एग्जाम देने को तैयार, ये शर्त
उन्होंने कहा कि ये काफी गलत है कि उन्हें लगता है कि ये जरूरी नहीं है. ये सब कुरान में लिखा है, इसी वजह से हम इतना संघर्ष कर रही हैं. हम अपने अधिकार के लिए लड़ने वाली हैं. हमे शिक्षा भी चाहिए. अब क्योंकि कॉलेज में परीक्षा शुरू होने जा रही हैं, ऐसे में इन छात्राओं का कहना है कि अगर हिजाब के साथ उन्हें परीक्षा देने की इजाजत मिल जाएगी, वे जरूर एग्जाम देने आएंगी.
इस बात पर भी जोर दिया गया कि वे अभी इस मुद्दे पर दूसरे कानूनी रास्ते तलाश रही हैं. पूरी कोशिश की जाएगी कि जजों को उनकी चिंताएं, उनका स्टैंड समझाया जा सके.