
केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाकर 65 साल कर दी गई थी. इसके बाद से ही राज्य विश्वविद्यालयों के शिक्षक भी रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की मांग कर रहे थे. लखनऊ यूनिवर्सिटी के शिक्षकों ने रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दायर की थी.
लखनऊ यूनिवर्सिटी के शिक्षकों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बड़ा आदेश दिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि लखनऊ यूनिवर्सिटी के शिक्षकों की रिटायरमेंट की उम्र 62 साल से बढ़ाकर 65 साल कर दिया जाए.
जानकारी के मुताबिक इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की एकल पीठ ने लखनऊ यूनिवर्सिटी के शिक्षकों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की. लखनऊ खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यूपी सरकार को ये निर्देश दिया कि लखनऊ यूनिवर्सिटी के शिक्षकों की रिटायरमेंट उम्र 62 से बढ़ाकर 65 साल कर दी जाए.
याचिकाकर्ताओं में से एक लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षकों के अधिवक्ता शरद पाठक ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ लखनऊ खंडपीठ ने शिक्षकों की रिटायरमेंट उम्र 62 साल से बढ़ाकर 65 साल करने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने सरकार को ये भी निर्देश दिया है कि इसके लिए नियमावली में जरूरी संशोधन तीन महीने के अंदर किए जाएं.
गौरतलब है कि याचिकाकर्ताओं के वकील ने केंद्र सरकार की ओर से संशोधन कर केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाए जाने का कोर्ट में उल्लेख किया. केंद्र सरकार ने संबंधित नियमों में बदलाव कर केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाकर 65 साल कर दी थी. केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम के बाद से ही राज्य विश्वविद्यालयों के शिक्षक भी रिटायरमेंट की उम्र 62 से बढ़ाकर 65 साल करने की मांग कर रहे थे.