
दवा और ऑक्सीजन सिलेंडर की होर्डिंग के मामले में बीजेपी सांसद और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) को दिल्ली हाईकोर्ट से थोड़ी राहत मिल गई है. इस मामले में निचली अदालतों में चल रही सुनवाई पर हाईकोर्ट ने रोक लगाने का आदेश दिया है. गौतम गंभीर फाउंडेशन ने उनके खिलाफ चल रही कानूनी कार्रवाई पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी.
दिल्ली के ड्रग्स कंट्रोलर ने गौतम गंभीर और उनके फाउंडेशन पर कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जरूरी दवाओं और ऑक्सीजन सिलेंडर की जमाखारी का आरोपी लगाते हुए रोहिणी कोर्ट में आपराधिक मुकदमा दायर किया था. इस मामले में वहां भी सुनवाई चल रही थी. इसलिए गौतम गंभीर फाउंडेशन ने हाईकोर्ट में अपने ऊपर चल रही कानूनी कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी, जिसे मानते हुए हाईकोर्ट ने सुनवाई पर रोक लगा दी है.
दिल्ली ड्रग्स कंट्रोलर ने जून में हाईकोर्ट में अपनी रिपोर्ट दाखिल करते हुए गौतम गंभीर और उनके फाउंडेशन को दवा होर्डिंग मामले में दोषी पाया था. ड्रग्स कंट्रोलर ने गौतम गंभीर और उनके फाउंडेशन को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत दोषी पाया था.
हालांकि, हाईकोर्ट में सोमवार को गौतम गंभीर फाउंडेशन की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट आत्माराम एनएस नडकर्णी, एडवोकेट जय अनंत देहदरई और एडवोकेट सिद्धार्थ अरोड़ा ने कोर्ट को बताया कि उनका फाउंडेशन ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत दोषी नहीं है, क्योंकि दवाएं मुफ्त में और डॉक्टरों की देखरेख में बांटी गई थीं.
दरअसल, कोविड की दूसरी लहर के दौरान जब बाजार में जरूरी दवाओं और ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी पड़ रही थी, तब गौतम गंभीर फाउंडेशन समेत कई पार्टियों के नेता दवाओं और ऑक्सीजन सिलेंडर बांट रहे थे. इसके बाद हाईकोर्ट में शिकायत की गई थी कि इस तरह की दवाओं और जरूरी चीजों की होर्डिंग करना गैरकानूनी है.