Advertisement

'मोरबी पुल हादसे में ओरेवा ग्रुप मुआवजा देने को तैयार', HC ने कहा- ...लेकिन सजा से नहीं बच सकते

मोरबी में पिछले साल 30 अक्टूबर को हैंगिंग ब्रिज टूट जाने से 135 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में ब्रिज का मेंटेनेंस देख रही कंपनी ओरेवा ग्रुप के एमडी जयसुख पटेल ने हाई कोर्ट को बताया कि वह हादसे से दुखी हैं. वह पीड़ित परिवारों को मुआवजा भी देने को तैयार हैं. हालांकि इस पर कोर्ट ने उन्हें चेताया भी. इसके अलावा कोर्ट ने सरकार और नगरपालिका को फटकार लगाई है.

मोरबी में 30 अक्टूबर को टूट गया था पुल (फाइल फोटो) मोरबी में 30 अक्टूबर को टूट गया था पुल (फाइल फोटो)
गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 25 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 3:24 PM IST

मोरबी पुल हादसा मामले में गुजरात हाई कोर्ट के जरिए फाइल की गई सोमोटो पिटिशन में ओरेवा ग्रुप के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल को पक्षकार बनाया गया है. वहीं इस मामले में बुधवार को सुनवाई में जयसुख पटेल ने पहली बार लिखित रूप में अपना स्टेटमेंट कोर्ट में दिया.पटेल की ओर से उनके वकिल कोर्ट में हाजीर हुए.

पटेल ने अपने स्टेटमेंट में कहा कि मोरबी ब्रिज टूटने की वारदात का मुझे बेहद दुख है. मोरबी ब्रिज को लेकर कॉमर्शियल एक्टिविटी का कोई इरादा नहीं था. हैरिटेज को बचाने के लिए यह काम हाथ में लिया था. राजकोट के जाम टावर का मेंटेसेंस की भी जिम्मेदारी हमें सौंपी गई है. मैं अपनी तरफ से मुआवजा देना चाहता हूं. मैं मृतकों और घायलों को मुआवजा देने की जिम्मेदारी से नहीं बच सकता हूं, लेकिन इस मामले में मैं अपना बचाव करना चाहता हूं. 

Advertisement

इस पर कोर्ट ने कहा कि मुआवजा देने बात से जयसुख पटेल पर हो रही क्रिमिनल कार्यवाही पर कोई असर नहीं पड़ेगा. जो भी जिम्मेदारी और क्रिमिनल केस उन पर बनता है, उसके तहत कार्रवाई होनी चाहिए.

सरकार और नगरपालिका को लगी फटकार

इसके पहले हाई कोर्ट ने मोरबी नगरपालिका को भंग करने के मुद्दे को लेकर कड़ा रुख अपनाया. कोर्ट ने नगरपालिका से पूछा कि अगर ब्रीज के हालात खराब थी तो जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई.

इसके बार कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि मोरबी नगरपालिका को भंग करने के लिए उसने क्या-क्या कार्यवाही की. इस पर सरकार ने बताया कि नगरपालिका को 263 धारा के तहत नोटिस भी जारी किया गया है. कोर्ट ने पूछा कि ओरेवा ग्रुप ने ब्रिज को शुरू कर दिया लेकिन आप क्या कर रहे थे?

Advertisement

नोटिस का जवाब देने से इनकार

मोरबी पुल दुर्घटना मामले में सरकार ने नगर पालिका अध्यक्ष को कारण नोटिस जारी किया है. इसमें पूछा गया था कि पालिका को क्यों नहीं बर्खास्त किया जाए. मोरबी नगर पालिका ने सामान्य सभा बुलाकर जवाब तब तक पेश ना करने का निर्णय किया है जब तब पुल से संबंधित सभी दस्तावेज सामान्य सभा में पेश नहीं कर दिए जाते. पालिका के सदस्यों ने निर्णय लिया कि जांच समिति पालिका से ले गई सभी जरूरी दस्तावेज  सरकार जब तक नहीं लौटाती तब तक नोटिस का जवाब नहीं दिया जाएगा.

135 लोगों की चली गई थी जान

गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बना हैंगिंग ब्रिज टूट गया था. हादसे के वक्त इस पर 300-400 लोग मौजूद थे. सभी लोग नदी में गिर गए थे. हालांकि, इनमें से कुछ की जान बचा ली गई थी. इस हादसे में 135 लोगों की मौत हुई थी. चौंकाने वाली बात ये है कि ब्रिज हादसे से 5 दिन पहले ही 7 महीने की मरम्मत के बाद खोला गया था. साथ ही ब्रिज खोलने से पहले फिटनेस सर्टिफिकेट भी नहीं लिया गया था. इस ब्रिज के रखरखाव का ठेका ओरेवा कंपनी के पास ही था. जिसके बाद कंपनी और उसके मालिक के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement