
मुंबई की एक विशेष मजिस्ट्रेट अदालत ने शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राउत के खिलाफ अदालत में पेश न होने पर गैर जमानती वारंट (NBW) जारी किया है. दरअसल, शुक्रवार को संजय राउत के वकील सनी जैन ने एक आवेदन दायर कर बीजेपी नेता किरीट सोमैया की पत्नी मेधा सोमैया द्वारा दायर मानहानि के मामले में सुनवाई में पेश होने से छूट मांगी थी.
सोमैया के वकील लक्ष्मण कनाल और विवेकानंद गुप्ता ने आवेदन का विरोध किया और कहा कि राउत कभी भी ट्रायल कोर्ट के सामने पेश नहीं हुए. कोर्ट ने इससे पहले 4 जुलाई 2021 को संजय राउत के खिलाफ 5 हजार रुपये का जमानती वारंट जारी किया था. सांसद संजय राउत 13 जुलाई को एक कोर्ट के समक्ष पेश हुए थे, क्योंकि निचली अदालत छुट्टी पर थी और जमानती वारंट रद्द कर दिया था.
सोमैया के वकीलों ने जोर देकर कहा कि राउत निचली अदालत के सामने कभी नहीं आए, जबकि सांसद के वकीलों ने अदालत से कहा कि वह अगली सुनवाई के दौरान अदालत में उपलब्ध रहेंगे.
दरअसल, संजय राउत अगस्त में जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत के सामने पेश हुए थे, जहां उन्होंने दोषी न होने की दलील दी थी. मजिस्ट्रेट पीआई मोकाशी ने दलीलें सुनने के बाद राउत द्वारा दायर छूट आवेदन को खारिज कर दिया और उनकी मौजूदगी के निर्देश दिए थे.
सोमैया के वकीलों ने राउत के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के लिए अर्जी दायर की. इसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए NBW जारी कर दिया है. वहीं, राउत की ओर से पेश हुए वकील जैन ने कहा कि वे यह जानना चाहते हैं कि क्या संजय राउत आज ही मजिस्ट्रेट अदालत में पेश होंगे और गैर जमानती वारंट रद्द करवाएंगे.
जानकारी के मुताबिक मेधा सोमैया जब मजिस्ट्रेट के सामने पेश हुईं. इस दौरान किरीट सोमैया भी कोर्ट में मौजूद थे. उन्होंने कहा कि संजय राउत ने उन पर करोड़ों रुपये का शौचालय घोटाले का झूठा आरोप लगाकर बदनाम किया है. मेधा सोमैया ने वकील गुप्ता के माध्यम से अपनी शिकायत में दावा किया कि संजय राउत ने उनके और उनके पति के खिलाफ निराधार और पूरी तरह से अपमानजनक आरोप लगाए थे.
मेधा मुंबई के रुइया कॉलेज में ऑर्गेनिक केमिस्ट्री की प्रोफेसर हैं, उन्होंने राउत के खिलाफ धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत कार्रवाई की मांग की है. शिकायत में कहा गया है कि 15 अप्रैल 2022 के आसपास और उसके बाद राउत ने मीडिया में उनके खिलाफ दुर्भावनापूर्ण बयान दिए और आम जनता में प्रसारित किया गया.
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