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बयान दोषपूर्ण लेकिन राजद्रोह नहीं बनता...नवनीत राणा को लेकर कोर्ट के बेल ऑर्डर में बड़ी टिप्पणी

विशेष अदालत के न्यायाधीश आर एन रोकाडे ने अपने बेल ऑर्डर ने साफ कहा गया है कि इस मामले में राजद्रोह का केस नहीं बनता है. इस बात पर भी जोर रहा है कि राणा दंपति के बयान दोषपूर्ण जरूर हैं, लेकिन इसे राजद्रोह का आधार नहीं बनाया जा सकता.

नवनीत राणा संग उनके पति रवि राणा नवनीत राणा संग उनके पति रवि राणा
विद्या
  • मुंबई,
  • 06 मई 2022,
  • अपडेटेड 5:26 PM IST
  • नवनीत राणा कल हुईं जेल से रिहा
  • अभी अस्पताल में भर्ती हैं नवनीत

निर्दलीय सासंद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा जेल से रिहा हो चुके हैं. 13 दिन जेल में काटने के बाद उन्हें जमानत दे दी गई. अब कोर्ट ने जिस आधार पर उन्हें जमानत दी थी, वो ऑर्डर भी सामने आ गया है. ऑर्डर में साफ तौर पर कहा गया है कि राणा दंपति पर राजद्रोह का मामला नहीं बनता है.

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नवनीत राणा पर राजद्रोह नहीं बनता

विशेष अदालत के न्यायाधीश आर एन रोकाडे ने बुधवार को अपने फैसले में कहा था कि राणा दंपति ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमा को लांघा जरूर है. लेकिन सिर्फ अपमानजनक टिप्पणी या बयान ही राजद्रोह लगाने के लिए पर्याप्त नहीं है. राजद्रोह सिर्फ तभी लगाया जा सकता है जब हिंसा का सहारा लेकर सार्वजनिक शांति को भंग करने का प्रयास हो. कोर्ट ने जोर देकर कहा है कि राणा दंपति के बयान दोषपूर्ण जरूर हैं, लेकिन इसे राजद्रोह का आधार नहीं बनाया जा सकता.

जज ने अपने फैसले में आगे ये भी कहा है कि राणा दंपति ने किसी को भी हथियार लाने को नहीं कहा था, उनके बयानों की वजह से कोई भी हिंसा नहीं भड़की. ऐसे में तमाम सबूतों को देख कहा जा सकता है कि आईपीसी की धारा 124A तहत मामला दर्ज नहीं हो सकता है.

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सरकार गिराने की कोई मंशा नहीं दिखी

बेल ऑडर में सरकार के वकील की उस दलील को भी खारिज किया गया है जहां पर कहा गया था कि राणा दंपति ने सरकार गिराने की साजिश से ऐसे बयान दिए थे. इस पर कोर्ट ने कहा है कि जो भी घोषणा की गई थी, उससे ये नहीं समझा जा सकता कि हिंसक तरीके से सरकार गिराने का प्रयास हुआ. सरकार के प्रति नफरत या असंतोष भी नहीं दिखता है. अब राजद्रोह का मामता तो नहीं बनता लेकिन कोर्ट द्वारा नवनीत राणा और उनके पति को जमकर फटकार पड़ी है.

राणा दंपति को कोर्ट की फटकार

स्पष्ट कर दिया गया है कि राणा दंपति द्वारा सीएम उद्धव ठाकरे के खिलाफ जिस प्रकार की बयानबाजी की गई थी, वो आपत्तिजनक है. इस बारे में विशेष अदालत के न्यायाधीश आर एन रोकाडे कहते हैं कि नेताओं की शांति बनाए रखने में अहम भूमिका रहती है. उनकी बातों का ज्यादा मान भी इसलिए रहता है क्योंकि कई लोग उन्हें फॉलो करते हैं, उन पर अपना विश्वास जताते हैं. ऐसे में राजनेताओं की ज्यादा बड़ी जिम्मेदारी रहती है. उनके द्वारा दिए जा रहे भाषणों का असर भी ज्यादा रहता है क्योंकि वे किसी पद पर आसीन रहते हैं.

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वैसे सुनवाई के दौरान भी कोर्ट द्वारा इस मामले में नवनीत राणा को फटकार पड़ी थी. तभी भी कहा गया था कि एक नेता की, चुने हुए प्रतिनिधि की समाज के प्रति बड़ी जिम्मेदारी रहती है और उसका ठीक तरीके से पालन हो, इसका ध्यान रखा जाना चाहिए.


 

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