
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट में दो नए जजों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. इनके शपथग्रहण के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में जजों की स्वीकृत संख्या 34 पूरी हो जाएगी. राष्ट्रपति ने जस्टिस एन. कोटेश्वर सिंह और जस्टिस आर महादेवन की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त को दी मंजूरी है.अभी सुप्रीम कोर्ट में जजों की कुल संख्या 32 है.
वैसे सुप्रीम कोर्ट के जजों की कुल स्वीकृत संख्या 34 है. इस नियुक्ति के बाद न्यायमूर्ति सिंह मणिपुर से सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बनने वाले पहले व्यक्ति होंगे. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह और मद्रास हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर महादेवन को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की थी. जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह के सुप्रीम कोर्ट का जज बनते ही एक कीर्तिमान भी बनेगा. वे मणिपुर से सुप्रीम कोर्ट जज बनने वाले पहले न्यायमूर्ति होंगे.
जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह का जन्म 1 मार्च 1963 को मणिपुर के इंफाल में हुआ था. वे (दिवंगत) जस्टिस एन इबोटोम्बी सिंह के पुत्र हैं, जिन्होंने गौहाटी हाईकोर्ट के रूप में कार्य किया था और मणिपुर के पहले एडवोकेट जनरल भी रहे थे.
एक मार्च 1963 को जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह का जन्म मणिपुर के इंफाल में हुआ था, उनके पिता वे (दिवंगत) जस्टिस एन इबोटोम्बी सिंह के पुत्र हैं. जिन्होंने गुवाहाटी हाईकोर्ट के रूप में कार्य किया था और मणिपुर के पहले एडवोकेट जनरल भी रहे. जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह ने 1983 में किरोड़ीमल कॉलेज से पढ़ाई की है और 1986 दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी किया है. जिसके बाद करियर की शुरूआत गुवाहाटी हाईकोर्ट से की.
जस्टिस आर महादेवन का जन्म 10 जून 1963 में चेन्नई में हुआ था, मद्रास लॉ कॉलेज से उन्होंने कानून की पढ़ाई की. इसके बाद 25 साल तक बतौर वकील काम किया. जस्टिस महादेवन को 2013 में मद्रास हाईकोर्ट के जज के रूप में नियुक्त किया गया था.
पिछले महीनों में दो जज रिटायर हुए
दो महीने पहले अप्रैल और मई के महीने में सुप्रीम कोर्ट से जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस एएस बोपन्ना रिटायर हुए थे. इन जजों की सेवानिवृत्ति के बाद, सुप्रीम कोर्ट 32 जजों के साथ काम कर रहा है.
सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति कॉलेजियम प्रणाली के तहत होती है. जिसे साल 1993 में न्यायालय अपने ही फैसले के द्वारा लेकर आया था. जजों की नियुक्ति की इस प्रक्रिया में भारत के मुख्य न्यायाधीश के अलावा उनके चार वरिष्ठ सहयोगी शामिल होते हैं.