Advertisement

'निजामुद्दीन मरकज की चाबी मौलाना साद को सौंपने में कोई आपत्ति नहीं', हाईकोर्ट में बोली दिल्ली पुलिस

निजामुद्दीन मरकज फिर से खोले जाने को लेकर दायर याचिका पर सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. दिल्ली हाईकोर्ट में पुलिस ने कहा कि निजामुद्दीन मरकज की चाबी मौलाना साद को सौंपने में हमें कोई आपत्ति नहीं है. दिल्ली पुलिस के वकील ने कोर्ट को बताया कि क्षतिपूर्ति का एक मुचलका भरवाकर मरकज की चाबी मौलाना साद को सौंप दी जाएगी.

दिल्ली हाईकोर्ट (फाइल फोटो) दिल्ली हाईकोर्ट (फाइल फोटो)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 28 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 6:04 PM IST

दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज का मामला हाईकोर्ट में है. दिल्ली हाईकोर्ट ने निजामुद्दीन मरकज खोलने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई और मरकज खोलने के निर्देश दिए. दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट को ये बताया कि हम निजामुद्दीन मरकज की चाबी मौलाना साद को सौंप देंगे.

दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट को बताया कि मरकज की चाबी मौलाना साद को वापस देने में कोई आपत्ति नहीं है. दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस से सवाल किया कि क्या महामारी अधिनियम 1897 के तहत कोई सम्पत्ति कब्जे में ली जा सकती है. दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से ये भी पूछा कि आपने ये संपत्ति किसी से कब्जे में ली थी.

Advertisement

दिल्ली पुलिस ने इसके जवाब में कहा कि मौलाना साद से चाबियां ली थीं. एक क्षतिपूर्ति का मुचलका जमा कराने के बाद उसे वापस सौंप देंगे. दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि क्या आप अभी वहां कब्जे में हैं? आपने किस क्षमता से कब्जा लिया है? महामारी रोग अधिनियम के तहत प्राथमिकी पंजीकृत की गई थी. वह अब समाप्त हो गया है.

दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में ये कहा कि वो मरकज की चाबी मौलाना साद को सौंप देंगे. गौरतलब है कि निजामुद्दीन मरकज मामले में आरोपी मौलाना साद अभी भी फरार हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने इससे पहले इस साल रमजान के समय भी नमाज अदा करने के लिए मस्जिद को फिर से खोलने की अनुमति दिल्ली हाईकोर्ट ने दी थी.

बता दें कि कोरोना महामारी के समय निजामुद्दीन मरकज में बड़ी संख्या में तबलीगी जमात के लोग ठहरे थे. निजामुद्दीन मरकज में ठहरे लोगों में जब कोरोना के मामले पाए गए, तब मामला खुला. दिल्ली पुलिस ने मार्च 2020 में निजामुद्दीन मरकज को सील किया था और इसे लेकर महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया था. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने मौलाना साद को मुख्य आरोपी बनाया था.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement