Advertisement

यूट्यूबर मनीष कश्यप को बिहार सरकार ने बताया 'आदतन अपराधी', NSA पर सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली कोई राहत

यूट्यूबर मनीष कश्यप को NSA के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने उनके वकील से कहा है कि उन्हें राहत के लिए हाई कोर्ट जाना चाहिए. सुनवाई के दौरान बिहार सरकार के वकील ने मनीष कश्यप को आदतन अपराधी बताया.

मनीष कश्यप (File Photo) मनीष कश्यप (File Photo)
संजय शर्मा/अनीषा माथुर
  • नई दिल्ली,
  • 08 मई 2023,
  • अपडेटेड 12:14 PM IST

बिहार के चर्चित यूट्यूबर मनीष कश्यप को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है. SC ने उनके वकील से कहा है कि राहत के लिए उन्हें हाईकोर्ट जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि NSA और दूसरी राहत की मांग को लेकर मनीष कश्यप को संबंधित अथॉरिटी में याचिका दाखिल करना चाहिए.

सोमवार को सुनवाई के दौरान CJI ने पूछा कि बिहार में जो FIR दर्ज हुई है, वह किस घटना को लेकर है? सुनवाई के दौरान बिहार सरकार के वकील ने कहा की पहली FIR फेक वीडियो को लेकर है, दूसरी पटना एयरपोर्ट पर दिए गए बयान को लेकर है, जो विवादित है. तीसरी FIR हाथ में हथकड़ी वाले फोटो को लेकर है. बिहार सरकार ने कहा कि मनीष कश्यप आदतन अपराधी है.

Advertisement

सभी FIR को एक साथ करने की मांग

CJI ने सुनवाई के दौरान कहा कि अब तमिलनाडु सरकार बताए कि FIR के बारे में क्या डिटेल है. तमिलनाडु सरकार की तरफ से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि जहां पहली एफआईआर दर्ज हुई, वहीं सभी एफआईआर को एक साथ जोड़ना चाहिए. इस दौरान बिहार सरकार के वकील ने कहा कि वह (मनीष कश्यप) उगाही करने वाला शख्स है. उसने चुनाव भी लड़ा है. 

फेक वीडियो सर्कुलेट करने का आरोप

बिहार सरकार के वकील ने कहा कि आरोपी ने पटना में फेक वीडियो शूट किया और उसे सर्कुलेट किया. इस पर मनीष के वकील ने दो राष्ट्रीय अखबारों का उदाहरण देते हुए घटना पर उनकी स्टोरी का जिक्र किया.

पहले तमिलनाडु सरकार को दिया था नोटिस

इससे पहले इस मामले में 21 अप्रैल को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी. तब कोर्ट ने पुलिस द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) लगाए जाने पर तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद कश्यप को मदुरै केंद्रीय कारागार से कहीं और स्थानांतरित नहीं करने का भी निर्देश दिया था. 

Advertisement

बिहार से साथ ले गई थी तमिलनाडु पुलिस

दलीलों के दौरान, कश्यप की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने पीठ को बताया था कि तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी श्रमिकों पर कथित हमले के संबंध में एक फर्जी वीडियो साझा करने के मामले में वह वर्तमान में तमिलनाडु पुलिस की हिरासत में हैं. मदुरै की एक अदालत से रिमांड का आदेश मिलने के बाद उसे पूछताछ के लिए तमिलनाडु पुलिस बिहार से उन्हें लेकर गई थी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement