
केंद्र सरकार ने नोटबंदी का बचाव करते हुए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. 2016 में हुए नोटबंदी मामले में दाखिल किए गए इस हलफनामे में सरकार ने कहा कि जाली मुद्रा और टेरर फंडिंग का मुकाबला करने के लिए ये प्रभावी उपाय है.
इसके अलावा 'ब्लैकमनी, टैक्स चोरी आदि जैसे वित्तीय अपराधों का मुकाबला करने के लिए भी नोटबंदी यानी विमुद्रीकरण प्रभावी उपाय है. समस्याओं का अध्ययन करने के बाद केंद्र ने इस प्रभावी उपाय पर सकारात्मक रूप से ध्यान दिया. केंद्र ने अपने कदम के समर्थन में कहा है कि नोटबंदी का ये फैसला भारतीय रिजर्व बैंक RBI की सिफारिश कर लिया गया था.'
नोटबंदी को कोर्ट में चुनौती
बता दें कि नोटबंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से इसकी संवैधानिक वैधता को लेकर सवाल पूछा था. 5 जजों की संविधान पीठ ने केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक से नोटबंदी के फैसले पर जवाब मांगा था. अदालत ने केंद्र और आरबीआई से 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले को लेकर व्यापाक हलफनामा दाखिल करने को कहा था.
2016 में केंद्र ने की थी नोटबंदी
गौरतलब है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने साल 2016 में नोटबंदी की घोषणा की थी. इसके तहत देश में 500 और 1000 रुपये के करेंसी नोट को रद्द करने का फैसला लिया गया था.
इस फैसले से देश में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था. इस वजह से नोटबंदी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गईं थीं. सबसे पहले विवेक नाराण शर्मा ने केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी थी. 2016 के बाद से नोटबंदी के खिलाफ 57 और याचिकाएं दर्ज कराई गईं.