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शरद यादव पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, लुटियंस दिल्ली का बंगला न खाली कराने की मांग

नीतीश कुमार के साथ राजनीतिक मनमुटाव के चलते शरद यादव ने 2018 में जेडीयू से बगावत कर लोकतांत्रिक जनता दल नाम से अपनी अलग राजनीतिक पार्टी का गठन किया था. जिसका विलय उन्होंने राजद में कर दिया है.

शरद यादव (File Photo) शरद यादव (File Photo)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 24 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 12:35 PM IST
  • 2017 में राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित हुए थे
  • 2018 में JDU से अलग हुए थे शरद यादव

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) का विलय करने वाले पूर्व सांसद शरद यादव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. उन्होंने शीर्ष अदालत से मांग की है कि लुटियंस दिल्ली में उन्हें मिला बंगला खाली ना कराया जाए. 

दिल्ली हाईकोर्ट ने 15 मार्च को उन्हें 15 दिनों के अंदर बंगला खाली करने का आदेश दिया था. शरद यादव पिछले 22 सालों से लुटियंस दिल्ली के एक बंगले में रह रहे हैं. पार्टी में अंदरूनी विवाद और मतभेद के बाद दिसंबर 2017 में शरद यादव को राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. हालांकि, उन्होंने अपनी अयोग्यता को हाई कोर्ट में चुनौती दे रखी है. मामला फिलहाल हाई कोर्ट में लंबित है. 

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20 मार्च को RJD में किया था पार्टी का विलय

शरद यादव ने 20 मार्च 2022 को अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) का लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में विलय कर दिया था. LJD के RJD में विलय के बाद बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इसे लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. तेजस्वी यादव ने कहा था कि शरद यादव की ओर से एलजेडी के आरजेडी में विलय को लेकर लिया गया फैसला जनता की मांग है. तेजस्वी ने इसे अन्य विपक्षी दलों के लिए भी संदेश बताया था. उन्होंने कहा था कि आरजेडी में एलजेडी का विलय अन्य विपक्षी दलों के लिए भी एक संदेश है कि यह सही समय है. हमें 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ही एकजुट होना चाहिए था. उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि कभी नहीं से देर भी अच्छी. 

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2018 में JDU से अलग होकर बनाई थी पार्टी

बता दें कि नीतीश कुमार के साथ राजनीतिक मनमुटाव के चलते शरद यादव ने 2018 में जेडीयू से बगावत कर लोकतांत्रिक जनता दल नाम से अपनी अलग राजनीतिक पार्टी का गठन किया था. शरद यादव के साथ अली अनवर सहित कई बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी. इसके बाद शरद यादव 2019 लोकसभा चुनाव में आरजेडी के टिकट पर मधेपुरा से चुनाव भी लड़े. लेकिन जेडीयू के दिनेश्वर यादव से 1 लाख वोटों से हार गए.

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