
अग्रिपथ योजना के खिलाफ दाखिल याचिकाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. इस दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि कई हाईकोर्ट में भी इसे चैलेंज किया गया है. इस पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आप एक ट्रांसफर पीटिशन दायर करिए. हम हाईकोर्ट को सभी याचिकाएं सुनवाई करने को भेज देंगे.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, सूर्यकांत और एएस बोपन्ना की बेंच ने मामले की सुनवाई की. बेंच ने सुझाव दिया कि याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित किया जा सकता है. इसमें सभी हाईकोर्ट में लंबित याचिकाओं को भी जोड़ा जा सकता है. लेकिन याचिकाकर्ता ने इन सुझावों का विरोध किया है.
सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि अलग-अलग हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. इस मामले की सुनवाई एक साथ कर दी जाए. इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि इस मामले की दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई की जा सकती है. इस पर मांग की गई कि दिल्ली हाईकोर्ट को कहा जाए कि वह एक समय में सुनवाई पूरा कर ले.तब तक कोई और कोर्ट सुनवाई न करे.
याचिकार्ता ने कहा कि सभी याचिकाओं की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ही करे, क्योंकि लगातार कई राज्यों में लगातार याचिकाएं दाखिल हो रही हैं. याचिकाकर्ता एमएल शर्मा ने कहा कि अदालत हमें यहां सुन ले.
सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि अग्निपथ योजना के खिलाफ अलग-अलग हाईकोर्ट में 6 याचिकाएं दायर हुई हैं. वहीं याचिकाकर्ता शेखावत ने कहा कि विभिन्न हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है. इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि किसी हाईकोर्ट ने आदेश नहीं दिया है.
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने की अनुमति दे सकते हैं. इससे हमें HC में अपने सहयोगी की राय का लाभ मिलता है. SC ने कहा कि अग्निपथ मामलों में सुनवाई दिल्ली HC में स्थानांतरित की जाती है.
'मेरी याचिका दूसरी याचिकाओं से अलग'
याचिकाकर्ता एमएल शर्मा ने कहा कि 20 हाईकोर्ट में याचिका दायर की जा रही है. मैंने पहली याचिका दायर की थी. जिसके बाद संभवत: दूसरी याचिकाएं भी हाईकोर्ट में दायर की गईं. उन्होंने कहा कि मेरी याचिका अन्य याचिकाओं से बिल्कुल अलग है.
प्रशांत भूषण ने कहा- पुरानी प्रक्रिया न रुके
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि दिल्ली HC में प्रशांत भूषण की याचिका दायर है. हमें नहीं लगता कि वह सरकार के इशारे पर आगे बढ़ेंगे. इस पर प्रशांत भूषण ने कहा कि दिल्ली HC में मेरी याचिका अग्निपथ योजना को चुनौती नहीं दे रही है. हमारी याचिका में कहा गया है कि 2019 में भर्ती हुए भारतीय वायुसेना के एयरमैन अंतिम भर्ती पत्रों का इंतजार कर रहे हैं. वह प्रक्रिया रुकनी नहीं चाहिए, क्योंकि अब नई योजना आ गई है.
रैली भर्तियां में चयनित उम्मीदवारों का क्या होगा
वहीं अधिवक्ता कुमुस लता दास ने कहा कि वायु सेना के लिए रैली भर्तियां हुई हैं, उम्मीदवारों का चयन किया गया है, लेकिन वे अभी भी प्रतीक्षा कर रहे हैं. कठिनाई ये है कि हाईकोर्ट कोई आदेश पारित करेगा. तो फिर चयनित उम्मीदवारों के बारे में क्या होगा.
सॉलिसिटर जनरल ने कही ये बात
वहीं सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि IOC वितरण मामले में ऐसा हुआ था कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट को सुनवाई के लिए कहा था. साथ ही कहा था कि अन्य अदालतों में याचिकाकर्ता हस्तक्षेप याचिका दायर कर सकते हैं.
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