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स्किन टू स्किन टच मामले पर फैसला देने वालीं जज पुष्पा गनेडीवाला ने दिया इस्तीफा

एडिशनल जज पुष्पा गनेडीवाला (pushpa ganediwala) ने इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, हाईकोर्ट में एडिशनल जज के तौर पर 12 फरवरी को ही उनके सेवाकाल का अंतिम दिन होता लेकिन उन्होंने उससे पहले ही इस्तीफा दे दिया.

जज पुष्पा गनेडीवाला ने दिया इस्तीफा जज पुष्पा गनेडीवाला ने दिया इस्तीफा
योगेश पांडे
  • नागपुर,
  • 11 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 10:47 AM IST
  • कार्यकाल समाप्त होने से एक दिन पहले ही दिया इस्तीफा
  • स्किन टू स्किन फैसले की देश भर में आलोचना हुई थी

स्किन टू स्किन टच मामले (skin to skin judgement) में फैसला देकर चर्चा में आईं एडिशनल जज पुष्पा गनेडीवाला (pushpa ganediwala) ने इस्तीफा दे दिया है. उनके इस्तीफे की वजह अभी साफ नहीं है. माना जा रहा है कि एडिशनल जज के रूप में सेवा विस्तार नहीं मिलने और सर्वोच्च न्यायालय के कोलेजियम में स्थान नहीं मिल पाने की वजह से यह इस्तीफा आया है.

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वैसे हाईकोर्ट में एडिशनल जज के तौर पर 12 फरवरी को उनके सेवाकाल का अंतिम दिन है, लेकिन इससे पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. पुष्पा गनेडीवाला 11 फरवरी को आखिरी दिन हाईकोर्ट आएंगी. उम्मीद जताई जा रही है कि अब वह उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में प्रैक्टिस करेंगी.

क्या है स्किन टू स्किन टच मामला

दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने यौन उत्पीड़न के एक आरोपी को यह कहते हुए बरी कर दिया गया था कि नाबालिग के निजी अंगों को स्किन टू स्किन संपर्क के बिना टटोलना POCSO act के तहत नहीं आता. अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में उठाया था.

क्लिक कर पढ़ें - स्किन-टू-स्किन वाला विवादित आदेश देने वाली जज का डिमोशन! सुप्रीम कोर्ट ने लिया फैसला

फिर इस याचिका का समर्थन करते हुए महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग, महाराष्ट्र सरकार सहित कई अन्य पक्षकारों की ओर से दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई हुई. 30 सितंबर को मामले की सुनवाई पूरी हो गई थी.

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सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में कहा था कि हाईकोर्ट के फैसले का मतलब है कि यदि यौन उत्पीड़न के आरोपी और पीड़िता के बीच सीधे स्किन टू स्किन का संपर्क नहीं होता है, तो POCSO act के तहत यौन उत्पीड़न का मामला नहीं बनता. अटॉर्नी जनरल ने सुनवाई के दौरान कहा था कि कोर्ट के इस फैसले से व्यभिचारियों को खुली छूट मिल जाएगी और उनको सजा देना बहुत पेचीदा और मुश्किल हो जाएगा.

 

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