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श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद पर कोर्ट की सुनवाई में क्या हुआ?

असल में नई बेंच गठित होने के चलते कोर्ट ने फिर से बुधवार को मामले को सुना था. याचिका में श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद से जुड़े सभी मुकदमों को एक साथ कर उनकी सुनवाई हाई कोर्ट में कराए जाने की मांग की गई थी. दलील दी गई है कि एक ही नेचर के तमाम मुकदमे मथुरा की अदालत में पेंडिंग हैं, अगर इन्हें एक साथ कर इनकी सुनवाई हाई कोर्ट में की जाती है तो मामले का निपटारा जल्द हो जाएगा.

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 16 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 12:10 AM IST

श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में अहम सुनवाई हुई है. होली के त्योहार के बाद हाई कोर्ट में गठित नई बेंच ने इस मामले की सुनवाई की है. लेकिन इस सुनवाई के दौरान ज्यादा कुछ नहीं हुआ क्योंकि किसी भी पक्ष ने पुराने आदेश के मुताबिक अपने जवाब दाखिल नहीं किए. बुधवार को मंदिर ट्रस्ट, शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के साथ ही यूपी सरकार को अपना जवाब दाखिल करना था. 

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असल में नई बेंच गठित होने के चलते कोर्ट ने फिर से बुधवार को मामले को सुना था. याचिका में श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद से जुड़े सभी मुकदमों को एक साथ कर उनकी सुनवाई हाई कोर्ट में कराए जाने की मांग की गई थी. दलील दी गई थी कि एक ही नेचर के तमाम मुकदमे मथुरा की अदालत में पेंडिंग हैं, अगर इन्हें एक साथ कर इनकी सुनवाई हाई कोर्ट में की जाती है तो मामले का निपटारा जल्द हो जाएगा. उसी मांग के बाद हाई कोर्ट ने इस बारे में मंदिर ट्रस्ट, मस्जिद कमेटी, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और यूपी सरकार से जवाब तलब कर लिया था.

वैसे कोर्ट ने पक्षकार नंबर 4 भगवान श्रीकृष्ण विराजमान को भी सुनवाई में शामिल होने का निर्देश दिया है. असल में बुधवार की सुनवाई में पक्षकार नंबर 4 शामिल नहीं था. सभी पक्षकारों का जवाब आने के बाद अदालत इस मामले में सुनाएगी अपना फैसला. 4 अप्रैल को इस मामले में अगली सुनवाई होने जा रही है. जानकारी के लिए बता दें कि मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की गई हैं. 

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अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने याचिका में कोर्ट से विवादित स्थल का सर्वे कराए जाने की मांग की है. याचिका में श्री कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि को मुक्त कराकर शाही ईदगाह को हटाने जैसी कई मांग की गई हैं. वादी विष्णु गुप्ता ने 13.37 एकड़ जमीन मुक्त कराने की मांग की है. यहां ये समझना जरूरी है कि मथुरा के सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत ने शाही ईदगाह के सर्वे का आदेश दिया था. हिंदू पक्ष की अपील पर सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत ने ये आदेश दिया था. उस समय ये भी कहा गया था कि 20 जनवरी तक सर्वे की रिपोर्ट देनी होगी. लेकिन उस आदेश के बाद से ही शाही ईदगाह मस्जिद ट्रस्ट द्वारा इसका विरोध किया गया. उस आपत्ति में कहा गया था कि कोर्ट ने अमीन सर्वे की जो बात कही है, उसमें हमको ना कोई नोटिस मिला है और ना ही हमें सुना गया है

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