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सुकेश चंद्रशेखर ने जज के खिलाफ दाखिल की याचिका, कोर्ट ने लगाई फटकार, न्यायिक हिरासत भी बढ़ा दी

मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर की न्यायिक हिरासत फिर से बढ़ा दी गई है. दरअसल कस्टडी खत्म होने के बाद शनिवार को उसे पटियाला कोर्ट में पेश किया गया. जहां सुनवाई के बाद उसकी हिरासत 31 मार्च तक बढ़ा दी गई. इस दौरान सुकेश ने उसका केस दूसरे जज को ट्रांसफर करने की भी अपील की. हालांकि कोर्ट ने उसे फटकार लगाते हुए उसकी याचिका खारिज कर दी.

200 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद है सुकेश चंद्रशेखर (फाइल फोटो) 200 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद है सुकेश चंद्रशेखर (फाइल फोटो)
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 18 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 12:29 PM IST

200 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद महाठग सुकेश चंद्रशेखर ने अपने मामले को दूसरे जज को ट्रांसफर करने की मांग की है. उसने इस संबंध में कोर्ट में याचिका दाखिल कर जज पर बायस होने का आरोप लगाया है. हालांकि पटियाला हाउस कोर्ट ने सुकेश की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार दिया है. साथ ही कोर्ट ने इस याचिका पर नाराजगी भी जताई है. कोर्ट ने कहा कि आरोपी के पास प्रिसाइडिंग ऑफिसर पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है. इसके बाद कोर्ट ने महाठग की न्यायिक हिरासत 31 मार्च तक बढ़ा दी.

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अगला नंबर केजरीवाल का...

सुकेश चंद्रशेखर ने इससे पहले 10 मार्च को पटियाला कोर्ट में पेश किया गया था. कोर्ट ने सुकेश की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी था. साथ ही कोर्ट ने सुकेश को 18 मार्च को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने का आदेश दिया था. तब सुकेश ने आजतक से बातचीत में दावा किया था कि गिरफ्तारी का अगला नंबर अरविंद केजरीवाल का है. सुकेश ने कहा, उन्होंने जो किया है, मैं उसका पर्दाफाश करूंगा. 

कस्टडी का विरोध कर रहा है सुकेश

सुकेश चंद्रशेखर को 24 फरवरी को 9 दिनों की कस्टडी पूरी होने के बाद ED ने पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया था. इस दौरान ED ने सुकेश की हिरासत चार दिन और बढ़ाने की मांग की थी. सुनवाई के दौरान ED ने कहा था कि कुछ नए तथ्य और सबूत मिले हैं, जिनकी जांच और तस्दीक करनी है. इसके लिए सुकेश की जरूरत है.

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हालांकि सुकेश के वकील ने कस्टडी बढ़ाने का विरोध करते हुए कहा था कि 9 दिन की कस्टडी पहले ही दी जा चुकी है. ये मनी ट्रेल का मामला है, तो इसकी जांच में आरोपी को कस्टडी में रखने की क्या जरूरत है? इसमें तो लेनदेन के सारे सबूत या तो दस्तावेजी होते हैं या फिर इलेक्ट्रोनिक. इसमें आरोपी से तस्दीक कराने की जरूरत ही नहीं है. ऐसे में कस्टडी यानी हिरासत अवधि बढ़ाने की क्या दरकार और औचित्य है? हालांकि कोर्ट ने आरोपी की हिरासत बढ़ा दी थी.

लगातार लेटर जारी कर रहा सुकेश

सुकेश चंद्रशेखर ने पिछले दिनों दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना को जेल से पत्र लिख कर दावा किया था कि मनीष सिसोदिया जेल-1 के वार्ड नंबर 9 में बंद हैं, जो कि पूरी तिहाड़ जेल का वीवीवीआईपी वार्ड है. यह वीआईपी कैदियों के हाई प्रोफाइल के लिए एक विशेष वार्ड है जो लगभग 20,000/- वर्ग फुट है. गेटेड स्पेशल वार्ड जिसमें केवल 5 सेल मौजूद हैं, जो लकड़ी के फर्श और सभी सुविधाओं के साथ हैं.

उसने कहा था कि यहां पर घूमने के लिए एक विशेष बड़ा बगीचा, एक विशेष बैडमिंटन कोर्ट और एक मेस है. इस वार्ड में सहारा के सुबरोथो रॉय, सुरेश कलमाडी, अमर सिंह, ए. राजा और हाल ही में यूनिटेक के संजय चंद्रा जैसे वीआईपी/हाई प्रोफाइल कैदी रहते हैं. यहां गैंगस्टर या गंभीर अपराधियों के होने का AAP का आरोप गलत है.

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इससे पहले सुकेश चंद्रशेखर ने 5 पेज की चिट्ठी लिखकर कहा था कि AAP के द्वारा उसके खिलाफ राजनीतिक बदले की भावना से किए जा रहे काम की सच्चाई की पोल जरूर खुलेगी. सुकेश ने दावा किया था कि उसने सिसोदिया के साथ भी काफी नजदीकी से काम किया है. उसे पता है कि वो कैसे हर विभागीय काम में कमीशन खाते हैं. 

सुकेश ने चिट्ठी में लिखा था कि केजरीवाल जिस शिक्षा में क्रांति की बात कहते सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की तारीफ करते थकते नहीं हैं, उसमें भी गरीब बच्चों को दिए जाने वाले टेबलेट की खरीद जिस चीनी कंपनी से की गई, उससे भी इन लोगों ने मोटा कमीशन खाया है. एक कंपनी को दी गई टेबलेट सप्लाई का ठेका अंतिम समय पर निरस्त कर दिया गया था, क्योंकि दूसरी कंपनी 20 फीसदी ज्यादा कमीशन दे रही थी. उसके पास कई ऐसी सरकारी खरीद और सौदेबाजी के प्रमाण हैं, जिसमें हजार करोड़ से ज्यादा की कमीशनखोरी हुई है.

 

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