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'...तो जेल से क्रिमिनल सिंडिकेट चला रहे थे आप?', सुकेश चंद्रशेखर को SC से फटकार

ठगी के अपने कारनामों से हैरान कर देने वाला सुकेश चंद्रशेखर दिल्ली से बाहर देश के किसी भी जेल में जाने को बेताब है. उसकी इस याचिका पर बुधवार को कोर्ट में सुनवाई हुई. इस पर सरकार ने कहा है कि इस शख्स ने तिहाड़ से कई लोगों को ठगा है और अब दूसरे जेलों में अपना नेटवर्क फैलाना चाहता है.

सुकेश चंद्रशेखर सुकेश चंद्रशेखर
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 13 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 4:23 PM IST
  • 'सुकेश से 12 करोड़ रुपये ठग लिए गए'
  • 'जेल से आप आपराधिक सिंडिकेट चला रहे थे'
  • सुकेश ने दिल्ली जेल से ट्रांसफर की मांग

महाठग सुकेश चंद्रशेखर मामले में अदालत में सुनवाई जारी है. बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर हैरानी जताई कि ठगी के इस गोरखधंधे में जेल स्टाफ सुकेश के पे रोल पर काम करता रहा और जांच एजेंसी को इस रैकेट का पता लगाने में दो साल से ज्यादा लग गए. कोर्ट से सुकेश के वकील ने कहा कि उल्टे उसके मुवक्किल सुकेश से ही 12 करोड़ रुपए से ज्यादा ठगी कर ली गई है. 

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इस पर कोर्ट ने सीधा सवाल किया कि तुम तो पत्नी सहित जेल में थे? किसने और कैसे तुमसे इतनी बड़ी रकम ठग ली? सुकेश के वकील ने कहा कि मुलाकात के समय जो लोग आते थे उनके जरिए मैं पैसे भिजवाता था. 

इस पर जस्टिस ललित ने कहा कि तो आप मुलाकात के बहाने अपना आपराधिक सिंडिकेट चला रहे थे? कोर्ट ने सुकेश के वकील से कहा कि जिन लोगों के जरिए डील की गई और करोड़ों रुपए के पेमेंट दिए गए उनके नाम कोर्ट को बताए. इस पर सुकेश के वकील ने कहा कि पेमेंट उनके एसोसिएट्स द्वारा किया गया. अब कोर्ट इस मामले की सुनवाई 26 जुलाई को करेगा. 

कोर्ट ने आदेश में कहा कि सुकेश दस दिनों में कोर्ट को ये बताए कि वो जेल में मुलाकात की आड़ में किनके जरिए किस किस को रकम भिजवा रहा था? बता दें कि इससे पहले सुकेश का आरोप था कि तिहाड़ जेल के अधिकारी उससे उगाही कर रहे थे.  

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बता दें कि सुकेश चंद्रशेखर ने दिल्ली की तिहाड़ में जान का खतरा बताकर खुद को बैंगलुरु जेल भेजने की मांग की है. सुकेश के वकील में उसकी ओर से दलील दिया, "मुझे बैंगलुरु में अधिक मामलों में आवश्यकता है और मेरी मां वहां हैं. अगर मुझे वहां स्थानांतरित किया जा सकता है तो मुझे बहुत खुशी होगी लेकिन कृपया मुझे दिल्ली जेल से बाहर निकाल दें. मैं समझता हूं कि मुझे जेल चुनने का कोई अधिकार नहीं है लेकिन मेरी जान को लगातार खतरा है. मैं दिल्ली को छोड़कर कहीं भी जाना चाहता हूं."
 
कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस यूयू ललित ने पूछा कि जेल में उसे क्या सुविधाएं मिलती थीं? वो कम्युनिकेशन कैसे करता था?

इस पर सरकार की ओर से कहा गया कि सुकेश जेल स्टाफ कि मिलीभगत से मोबाइल नेटवर्क के जरिए बाहरी दुनिया से संपर्क में था. उसने स्टाफ को मोटी रकम रिश्वत में दी थी.

ASG एसवी राजू ने कहा कि सुकेश ने सुप्रीम कोर्ट जजों के नाम पर भी ठगी की है. किसी को नहीं छोड़ा है. इसने अपना रैकेट चला रखा है. अब भांडा फूट गया है. स्टाफ का बड़ा हिस्सा सस्पेंड हो गया है. सख्ती बढ़ गई है. तो ये दूसरे जेल से चलाना चाहता है. 

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