
संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले पर अवकाशकालीन पीठ के सामने सुनवाई हो सकती है. दरअसल, संसद की सुरक्षा में सेंध की घटना की जांच और इस व्यवस्था को अभेद्य बनाए जाने की गुहार लगाते हुए एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है. इस याचिका में 13 दिसंबर को हुई घटना की सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की कमेटी से जांच कराए जाने की मांग की गई है.
वकील अबु सोहेल की याचिका में कहा गया है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज की देखरेख में 'स्वतंत्र, निष्पक्ष और विश्वस्त' न्यायिक जांच कराई जाए. यह पूरी तरह से सुरक्षा में चूक है. क्योंकि फेंके गए गैस कनस्तर से जहरीली गैस निकल सकती थी.
गनस्तर से निकला धुआं अधिक जहरीला भी हो सकता था.
न्यायिक हस्तक्षेप की जरूरत
याचिका में आगे कहा गया है कि धुएं के कनस्तरों के स्थान पर वे (आरोपी) घातक गोला बारूद भी साथ ला सकते थे. जब देश की संसद यानी सबसे बड़े मंदिर की सुरक्षा दांव पर है तो भारत के नागरिक और उनका भविष्य भी दांव पर है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट को न्यायिक हस्तक्षेप की जरूरत है.
इतनी बड़ी चूक भयानक
याचिकाकर्ता ने सांसदों की सुरक्षा पर भी चिंता जताई है. उन्होंने कहा है कि इसमें इतनी बड़ी चूक भयानक है. याचिका में सुप्रीम कोर्ट से संसद हमले की बरसी के दिन नई संसद बिल्डिंग के निचले सदन में हुई चूक के मामले न्यायिक जांच के लिए निर्देश जारी करने का आग्रह किया गया है.
6 लोगों को किया गया अरेस्ट
बता दें कि संसद पर 2001 में हुए आतंकी हमले की बरसी पर घुसपैठ कर सदन की कार्यवाही बाधित करने के आरोप में अब तक 6 लोगों महेश कुमावत, ललित झा, नीलम देवी, अमोल शिंदे, सागर शर्मा और डी. मनोरंजन को गिरफ्तार किया गया है.