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'न्यायपालिका के लिए बजट में अलग फंड का हो प्रावधान', सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की खारिज

वकील रीपक कंसल की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है. इस याचिका पर CJI ने कहा है कि हम सरकार को अलग से फंड अलॉट करने के संबंध में आदेश नहीं दे सकते. इसलिए हम याचिका को खारिज करते हैं.

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो) सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली ,
  • 01 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 11:59 AM IST
  • PIL में न्यायपालिका के लिए अलग फंड की मांग
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा- केंद्र को निर्देश नहीं दे सकते
  • याचिका में तर्क- निष्पक्षता के लिए जरूरी

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डाली गई है जिसमें मांग की गई कि है कि केंद्र सरकार ज्यूडिशियरी के लिए बजट में अलग से फंड अलॉट किया करे. सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हुई है जिसमें दलील दी गई है कि भारत सरकार की तरफ से जो भी फंड दिया जाता है वो पर्याप्त नहीं है.

साथ ही याचिका में ये भी कहा गया है कि भारत सरकार अधिकतर मामलों में पक्षकार होती है ऐसे में निष्पक्षता पर सवाल उठता है. इसलिये सुप्रीम कोर्ट केन्द्र सरकार को ये आदेश दे कि स्वायत्त न्यायपालिका के लिए बजट में अलग से फंड का प्रावधान किया जाए.

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सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की खारिज 

वकील रीपक कंसल की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है. इस याचिका पर CJI ने कहा है कि हम सरकार को अलग से फंड अलॉट करने के संबंध में आदेश नहीं दे सकते. इसलिए हम याचिका को खारिज करते हैं.

याचिका में कहा गया है कि जुडिशरी को जो भी फंड दिया जाता है, वह फंड भारत सरकार की तरफ से दिया जाता है. वह फंड जुडिशरी के लिए पर्याप्त नहीं है.

याचिका के मुताबिक भारत सरकार अधिकतर मामलों में पक्षकार होती है ऐसे मे निष्पक्षता पर सवाल उठता लाजमी है. इन पहलुओं पर गौर करते हुए सुप्रीम कोर्ट केन्द्र सरकार को आदेश दे कि स्वायत न्यायपालिका के लिए बजट में अलग से फंड का प्रावधान किया जाए.

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