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ट्विन टॉवर मामले में Supertech को राहत नहीं, आदेश में संशोधन से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक के टॉवर गिराने के आदेश में संशोधन करने वाली अर्जी पर विचार करने से इनकार कर दिया है. यानी कि तीन महीने में दोनों टॉवर गिराने का 31 अगस्त का आदेश पहले की तरह ही लागू रहेगा.

सुपरटेक को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत (फाइल फोटो) सुपरटेक को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत (फाइल फोटो)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 04 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 3:30 PM IST
  • दो में से एक टॉवर गिराने की रखी गई थी मांग
  • कोर्ट ने कहा- अंतिम आदेश के बाद याचिका नहीं

ट्विन टॉवर मामले में सुपरटेक को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक के टॉवर गिराने के आदेश में संशोधन करने वाली अर्जी पर विचार करने से इनकार कर दिया है. यानी कि तीन महीने में दोनों टॉवर गिराने का 31 अगस्त का आदेश पहले की तरह ही लागू रहेगा.

मामले पर सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुपरटेक से कहा, अंतिम फैसले के बाद याचिका दाखिल नहीं कर सकते. हमारा फैसला न केवल दूरी पर बल्कि अन्य महत्वपूर्ण उल्लंघनों पर भी था.

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इससे पहले सुपरटेक ने 40 मंजिला ट्विन टॉवर-16(अपेक्स) और 17(स्यान) को ढहाने के आदेश को लेकर याचिका दायर की थी. याचिका में ट्विन टॉवर के ढहाने के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी और एक टॉवर को ढहाने की मंजूरी मांगी गई थी. कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया था कि इससे ना केवल करोड़ों रुपये बचेंगे बल्कि नियमों के मुताबिक निर्माण भी होगा. 

सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने आवेदन में सुपरटेक ने कहा था कि फैसले में अदालत द्वारा की गई टिप्पणियों के मद्देनजर उन्होंने प्रोजेक्ट में बदलाव करने का निर्णय लिया था. आवेदन के जरिए सुपरटेक ने प्रोजेक्ट में संभावित बदलाव की रूपरेखा पेश की थी. कहा गया कि एक टावर के 224 फ्लैट गिराए जाएंगे तो वो फायर सेफ्टी आदि नियमों का पालन करेंगे.

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गौरतलब है कि 31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक को एक बड़ा झटका देते हुए कंपनी द्वारा नोएडा में उसके एक हाउसिंग प्रोजेक्ट में बनाए गए दो 40-मंजिल टॉवरों को ध्वस्त करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इन टावरों का निर्माण नोएडा प्राधिकरण और सुपरटेक के अधिकारियों के बीच मिलीभगत का परिणाम था. ये आदेश अब भी जारी रहेगा.

 

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