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सुप्रीम कोर्ट का मुंबई में नेशनल इंश्योरेंस की 114 साल पुरानी बिल्डिंग गिराने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार

चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, "हाईकोर्ट के उस फैसले में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है. जिसमें नगर निगम की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है. नगर निगम ने कोर्ट में अपनी रिपोर्ट देते हुए कहा है कि इमारत जर्जर स्थिति में है."

सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार किया सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार किया
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 4:42 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के वर्ली स्थित 114 साल पुराने नेशनल इंश्योरेंस की बिल्डिंग के मामले में फैसला सुना दिया है. गुरुवार को मामले पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने आदेश देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. हाईकोर्ट ने 2019 में ग्रेटर मुंबई नगर निगम को नेशनल इंश्योरेंस की इमारत गिराने की अनुमति दी गई थी. 

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चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, "हाईकोर्ट के उस फैसले में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है. जिसमें नगर निगम की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है. नगर निगम ने कोर्ट में अपनी रिपोर्ट देते हुए कहा है कि इमारत जर्जर स्थिति में है."

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सी.यू सिंह ने पीठ को बताया कि कुछ उपकरण वहां फंसे हुए हैं. जिस पर CJI ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को एक सप्ताह के भीतर अपने सामान हटाने की अनुमति दी जाएगी.

हल्द्वानी में अतिक्रमण हटाने के HC के आदेश पर रोक

बता दें कि गुरुवार को ही उत्तराखंड के हल्द्वानी में अतिक्रमण हटाने के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें कोर्ट ने करीब 50 हजार लोगों को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा कि 7 दिन में अतिक्रमण हटाने का फैसला सही नहीं है. सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय कौल ने कहा कि इस मामले को मानवीय नजरिए से देखना चाहिए. मामले में समाधान की जरूरत है. 

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