Advertisement

क्या आप ट्रिब्यूनल बंद करना चाहते हैं? सदस्यों की नियुक्ति में देरी पर केंद्र को SC की फटकार

चीफ जस्टिस एनवी रमना ने सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा, "यहां सवाल यह है कि क्या आप वाकई इन न्यायाधिकरणों का अस्तित्व बनाए रखना चाहते हैं या क्या आप उन्हें बंद करने का इरादा रखते हैं... क्या ऐसा है कि नौकरशाही इन न्यायाधिकरणों को नहीं चाहती है?"

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो) सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 06 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 6:58 PM IST
  • ट्रिब्यूनल में कई सदस्यों की नियुक्ति में देरी
  • न्यायाधिकरणों में 200 से ज्यादा नियुक्तियां होनी है
  • 10 दिन के अंदर कोर्ट ने मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में ट्रिब्यूनल में खाली पदों पर नियुक्ति न किए जाने को लेकर केंद्र पर सख्ती नाराजगी जताई है. अदालत केंद्र के रवैये से इस कदर नाराज था कि उसने एक बार सुनवाई के दौरान कहा कि क्या केंद्र देश के सभी ट्रिब्यूनल को बंद करना चाहता है. 

चीफ जस्टिस एनवी रमना ने सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा, "यहां सवाल यह है कि क्या आप वाकई इन न्यायाधिकरणों का अस्तित्व बनाए रखना चाहते हैं या क्या आप उन्हें बंद करने का इरादा रखते हैं... क्या ऐसा है कि नौकरशाही इन न्यायाधिकरणों को नहीं चाहती है?"

Advertisement

कार्यपालिका सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करना चाहती है. 

अदालत ने कहा कि क्या वजह है कि बार-बार अदालत ने आदेश दिए हैं लेकिन कुछ नहीं हुआ? इससे ऐसा लगता है कि कार्यपालिका सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करना चाहती है. 

अदालत ने विभिन्न न्यायाधिकरणों में सदस्यों की नियुक्ति पर 10 दिनों के भीतर केंद्र से जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लगता है इन ट्रिब्यूनल में नियुक्ति के खिलाफ कुछ लॉबी काम कर रही है. 

न्यायाधिकरणों में पीठासीन अधिकारी तक नहीं

अदालत ने कहा कि 15 से अधिक न्यायाधिकरणों में पीठासीन अधिकारी तक नहीं हैं. रिक्तियों को भरने के लिए सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीशों के नेतृत्व वाली चयन समितियों द्वारा नामों की सिफारिशों को सरकार ने बड़े पैमाने पर नजरअंदाज भी किया है. 

Advertisement

CJI ने कहा कि वह और न्यायमूर्ति सूर्यकांत दोनों चयन समिति के सदस्य हैं और उन्होंने मई 2020 में कई नामों की सिफारिश की थी.

न्यायालय के अनुसार एएफटी, एनजीटी और रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल में कई पद खाली हैं और इन रिक्तियों को भरने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है. कोर्ट ने इसे "बहुत खेदजनक स्थिति" करार दिया. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement