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सुप्रीम कोर्ट ने दो कैदियों को रिहा नहीं करने पर यूपी जेल विभाग के महानिदेशक से जवाब तलब किया

सीजेआई की पीठ के सामने दो कैदियों मोहम्मद नूरुल्ला और आलोक मिश्रा की अर्जी सुनवाई के लिए आई थी. याचिकाकर्ताओं के वकील ऋषि मल्होत्रा ने पीठ से कहा कि गत वर्ष 14 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने अथॉरिटी को तीन महीने के भीतर दोनों याचिकाकर्ताओं की समय पूर्व रिहाई पर एक अगस्त 2018 की नीति के तहत विचार करने का आदेश दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने जवाब तलब किया सुप्रीम कोर्ट ने जवाब तलब किया
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 20 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 10:26 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने 20 सालों से भी ज्यादा अरसे से जेल में बंद दो कैदियों की समय पूर्व रिहाई पर यूपी में जेल विभाग के महानिदेशक से जवाब तलब किया है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने शुक्रवार को उन कैदियों की अर्जी पर उत्तर प्रदेश के डीजी (जेल) को नोटिस जारी किया है. अर्जी में दावा किया गया है कि कोर्ट ऑर्डर के बावजूद करीब दो दशकों से कारागार में बंद दो कैदियों को समय पूर्व रिहाई पर विचार नहीं किया गया है.

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दरअसल, सीजेआई की पीठ के सामने दो कैदियों मोहम्मद नूरुल्ला और आलोक मिश्रा की अर्जी सुनवाई के लिए आई थी. इस अवमानना याचिका पर कोर्ट ने यूपी के कारा महानिदेशक को अपना पक्ष रखने के लिए कहा है. याचिकाकर्ताओं के वकील ऋषि मल्होत्रा ने पीठ से कहा कि गत वर्ष 14 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने अथॉरिटी को तीन महीने के भीतर दोनों याचिकाकर्ताओं की समय पूर्व रिहाई पर एक अगस्त 2018 की नीति के तहत विचार करने का आदेश दिया था. 

कोर्ट को वकील मल्होत्रा ने यह भी बताया कि इतने दिनों के बाद भी उन कैदियों की समय पूर्व रिहाई के आवेदनों पर विचार नहीं किया गया है. मोहम्मद नूरुल्ला करीब 21 वर्षों से वाराणसी जेल में और  आलोक मिश्रा करीब 22 वर्षों से फतेहगढ़ जेल में बंद है.

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