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Karnataka Hijab Row: हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में 5 सितंबर को होगी सुनवाई

Karnataka Hijab Row: सुप्रीम कोर्ट ने हिजाब विवाद पर 5 सितंबर को सुनवाई करने की बात कही है. कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद 1 जनवरी को शुरू हुआ था. कर्नाटक के उडुपी में 6 मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने के कारण कॉलेज में क्लास रूम में बैठने से रोक दिया गया था. इसके बाद इन लड़कियों ने कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
संजय शर्मा/सृष्टि ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 29 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 11:44 AM IST

Karnataka Hijab Row: कर्नाटक के हिजाब विवाद पर अब 5 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इसके लिए नोटिस जारी कर दिया है.

सर्वोच्च अदालत ने कर्नाटक हाई कोर्ट के उस फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, जिसमें फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई थी. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कर्नाटक सरकार के फैसले को सही ठहराया था.

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सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टालने की मांग पर याचिकाकर्ता को फटकार लगाई है. बता दें कि कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में कुल 24 याचिकाएं दाखिल की गई हैं.

कब शुरू हुआ था हिजाब विवाद?

कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद 1 जनवरी को शुरू हुआ था. कर्नाटक के उडुपी में 6 मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने के कारण कॉलेज में क्लास रूम में बैठने से रोक दिया गया था. कॉलेज मैनेजमेंट ने नई यूनिफॉर्म पॉलिसी को इसकी वजह बताया था. इसके बाद इन लड़कियों ने कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. लड़कियों का तर्क था कि हिजाब पहनने की इजाजत न देना संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत उनके मौलिक अधिकार का हनन है.

कर्नाटक हाई कोर्ट का ये था फैसला

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कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सहित तीन जजों की फुल बेंच ने यह फैसला दिया था कि कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने की इजाजत नहीं मिलेगी. इस फैसले के खिलाफ ही सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई थीं. वहीं, हिन्दू सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने एडवोकेट बरूण कुमार सिन्हा के माध्यम से हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट में कैविएट फाइल किया था.

देश के कई हिस्सों में हुआ था प्रदर्शन

मुस्लिम छात्रों को शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहने दिए जाने की अनुमति को लेकर देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हुए थे. पश्चिम बंगाल के हुगली में अंजुमन-ए-इस्लाम ने मुस्लिम छात्रों के लिए शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब की अनुमति देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. मिनी विधानसौध भवन के सामने आयोजित धरना में बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने भाग लिया था और शासन को ज्ञापन सौंपा था.

विवाद के बीच राजनीति भी जारी

इस मामले पर राजनीति भी जारी है. एआईएमआईएम प्रमुख एवं हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने छात्राओं का समर्थन किया  था. उन्होंने ट्वीट में कहा था, ‘कर्नाटक में मुस्लिम छात्राओं ने हिंदुत्व की भीड़ के अत्यधिक उकसावे के बावजूद काफी साहस का प्रदर्शन किया है.’ उन्होंने यूपी की एक जनसभा में भी इस मुद्दे को उठाया था. ओवैसी ने कहा था, 'वहां की महिला बच्चियों को स्कूल और कॉलेज में हिजाब पहनने से रोका जा रहा है. मैं बीजेपी के इस फैसले की निंदा करता हूं.'

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ओवैसी ने कहा था कि आज हमने वो वीडियो भी देखा कि हमारी एक बहादुर बेटी मोटरसाइकिल पर हिजाब पहनकर आती है. कॉलेज के अंदर आते ही ये 25-30 लोग उसके पास आकर उसे डराने की कोशिश करते हैं. नारेबाजी करने लगते हैं. मैं इस बेटी की बहादुरी को सलाम करता हूं. ये आसान काम नहीं था. उस बच्ची ने उन नौजवानों की तरफ देखकर अल्लाह हू अकबर- अल्लाह हू अकबर कहा. ये मिजाज पैदा करना है. याद रखो मेरी बात, अगर तुम आज झुक जाओगे तो हमेशा के लिए झुक जाओगे.

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