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क्या रेप पीड़िता का अब भी होता है टू फिंगर टेस्ट? सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की है कि अभी भी रेप पीड़िताओं का टू फिंगर टेस्ट किया जाता है. कोर्ट ने केंद्र को इस सिलसिले में एक गाइडलाइन बनाने के निर्देश दिए हैं. उन अधिकारियों के खिलाफ एक्शन की बात भी हुई है जो ये टू फिंगर टेस्ट कंडक्ट करते हैं.

रेप पीड़िताओं के टू फिंगर टेस्ट से सुप्रीम कोर्ट नाराज रेप पीड़िताओं के टू फिंगर टेस्ट से सुप्रीम कोर्ट नाराज
कनु सारदा
  • नई दिल्ली,
  • 31 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 12:46 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने रेप पीड़िताओं के खिलाफ इस्तेमाल में आए जाने वाले टू फिंगर टेस्ट की कठोर शब्दों में निंदा की है. कोर्ट ने केंद्र को स्पष्ट निर्देश दिया है कि रेप पीड़िता के साथ कैसा व्यवहार किया जाए, इसे लेकर एक गाइडलाइन जारी की जाए. इस बात पर भी जोर दिया है कि पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों को ऐसे मामलों में और ज्यादा संवेदनशील बनने की जरूरत है. ऐसा नहीं होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है.

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टू फिंगर टेस्ट पर कोर्ट ने क्या कहा?

अब जानकारी के लिए बता दें कि हाई कोर्ट ने बलात्कार के आरोप में सजा काट रहे एक युवक को बरी कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने उसी आदेश को पलटते हुए उस शख्स को आरोपी माना है. यहां तक कहा गया है कि टू फिंगर टेस्ट का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है और अधिकारियों को इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. जस्टिस चंद्रचूड़ की नेतृत्व वाली पीठ ने ये फैसला सुनाया है. अब असल में सुप्रीम कोर्ट ज्यादा नाराज इसलिए हुआ क्योंकि उसने साल 2013 में ही इस टेस्ट को असंवैधानिक बताया था. तब कोर्ट ने टू फिंगर टेस्ट को रेप पीड़िता की निजता का हनना बताया था. कहा गया था कि इस टेस्ट की वजह से पीड़ित महिला को बार-बार शारीरिक और मानसिक दर्द से गुजरना पड़ता है. कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी स्पष्ट कहा था कि अगर वो टेस्ट पॉजिटिव भी आए, फिर भी ये सिद्ध नहीं हो सकता संबंध सहमति से बने हों.

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नहीं रुका ये शर्मिंदा करने वाला टेस्ट

लेकिन सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बावजूद भी रेप पीड़िताओं को इस टेस्ट से गुजरना पड़ता है. साल 2019 में 1500 रेप पीड़िताओं ने कोर्ट में शिकायत की थी कि 2013 वाले आदेश के बाद भी उनका टू फिंगर टेस्ट किया गया. तब याचिका दायर कर मांग की गई थी कि उन डॉक्टरों का लाइसेंस रद्द कर दिया जाए जो टू फिंगर टेस्ट करते हैं. लेकिन अब एक बार फिर ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. कोर्ट ने भी अपना पुराना रुख बरकरार रखते हुए टू फिंगर टेस्ट की कठोर शब्दों में निंदा की है. केंद्र को भी फटकार पड़ी है और अधिकारियों को भी जो ये टेस्ट कंडक्ट करते हैं.

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