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निशान और नाम की लड़ाई के लिए उद्धव गुट ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख

शिवसेना के चुनाव चिन्ह को फ्रीज करने वाला मामला अब सुप्रीम कोर्ट में लड़ा जाएगा. उद्धव गुट ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है. शिवसेना के उद्धव गुट के वकीलों का कहना है कि हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में अगले दो दिनों में चुनौती दी जाएगी. आदेश की समीक्षा की जा रही है. आदेश में कानूनी खामियों के आधार पर एसएलपी दाखिल की जाएगी.

पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 16 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 6:34 PM IST

दिल्ली हाई कोर्ट से शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट को झटका लगने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी है. दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को पार्टी के नाम और निशान पर अधिकार को लेकर शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि निर्वाचन आयोग शिवसेना का चुनाव चिह्न और नाम तय करने की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करे.

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शिवसेना के उद्धव गुट के वकीलों का कहना है कि हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में अगले दो दिनों में चुनौती दी जाएगी. आदेश की समीक्षा की जा रही है. आदेश में कानूनी खामियों के आधार पर एसएलपी दाखिल की जाएगी. 
शिवसेना के चुनाव चिन्ह तीर धनुष और पार्टी का नाम जब्त करने की निर्वाचन आयोग की कार्रवाई को चुनौती देते हुए शिवसेना के उद्धव गुट ने दिल्ली हाईकोर्ट मे याचिका लगाई थी.

सुनवाई के दौरान दलील देते हुए उद्धव गुट ने गुहार लगाई कि निर्वाचन आयोग ने उनका पक्ष सुने बिना एकतरफा फैसला लेते हुए पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर उनका अधिकार जब्त कर दिया. जिस पार्टी को उनके पिता ने तीस वर्ष पहले स्थापित कर सींचा और बढ़ाया उस पर ही उनका अधिकार छीन लिया गया. उद्धव गुट की दलील थी कि आयोग ने उनको अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया.

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हाई कोर्ट में एकनाथ शिंदे गुट की ओर से नीरज किशन कौल ने दलील दी थी कि ठाकरे गुट ने जो यहां कहा है वही सब सुप्रीम कोर्ट में भी कह चुके हैं. निर्वाचन आयोग ने उनको मौका दिया था लेकिन उनकी दिलचस्पी सुप्रीम कोर्ट जाने में थी. उन्होंने आयोग के सामने अपनी बात रखी ही नहीं.

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