
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ एक मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने के आदेश मामले में नया मोड़ आ गया है. उत्तराखंड सरकार ने नैनीताल हाईकोर्ट के सीबीआई जांच कराने के आदेश को चुनौती देने वाली अपनी याचिका वापस लेने की इच्छा जताई है. उत्तराखंड सरकार ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर अनुमति मांगी है.
उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी उस अर्जी को वापस लेने का आग्रह किया है जिसमें सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआई जांच कराने के नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी. दरअसल, उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ गंभीर आरोप को देखते हुए इसकी जांच सीबीआई से कराने के आदेश दे दिए थे.
उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से सीबीआई जांच के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा भी दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने ये कहते हुए सीबीआई जांच के आदेश पर रोक लगा दी थी कि हाईकोर्ट ने त्रिवेंद्र सिंह रावत का पक्ष सुने बिना सीबीआई जांच का आदेश दे दिया.
गौरतलब है कि उमेश शर्मा ने त्रिवेंद्र सिंह रावत पर आरोप लगाया था कि झारखंड का प्रभारी रहते उन्होंने झारखंड गो सेवा आयोग के अध्यक्ष पद पर एक व्यक्ति की नियुक्ति कराने के लिए उससे रिश्वत ली थी. ये रकम त्रिवेंद्र सिंह के रिश्तेदारों के खाते में ट्रांसफर कराई गई थी. इस आरोप के बाद उमेश शर्मा के खिलाफ उत्तराखंड सरकार ने राजद्रोह का मुकदमा दर्ज करा दिया था जिसके खिलाफ उमेश ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
उमेश ने त्रिवेंद्र सिंह पर लगे आरोप को गंभीर बताते हुए इसकी जांच सीबीआई से कराने का आदेश देने की मांग की थी. हाईकोर्ट ने उमेश शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई जांच का आदेश दे दिया था. हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ त्रिवेंद्र सिंह और उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.