
चाय के बाद कॉफी भारतीयों की पसंदीदा ड्रिंक बनती जा रही है. इन्हीं में से कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो ब्लैक कॉफी पीना पसंद करते हैं. क्या आप भी ऐसे लोगों को जानते हैं जो ब्लैक कॉफी का शौक रखते हैं. अगर हां, तो आपको उनसे दूरी बनाकर रखने में ही फायदा है. दरअसल, ब्लैक कॉफी पीने वालों के बारे में एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है. इसके मुताबिक, ब्लैक कॉफी पीने वाले लोग मनोरोगी हो सकते हैं.
अमेरिका की मैग्जीन 'द रीडर्स डाइजेस्ट' में छपे आर्टिकल में इस बात का उल्लेख किया गया है. आर्टिकल में ऑस्ट्रिया के इन्सब्रुक विश्वविद्यालय के एक अध्ययन का जिक्र किया गया है. इसके मुताबिक, ब्लैक कॉफी और अन्य कड़वे स्वाद वाले पेय पदार्थ पीने वाले लोगों में मनोरोगी व्यक्तित्व वाले लक्षण हो सकते हैं.
जर्नल एपेटाइट में प्रकाशित इस अध्ययन में लगभग 1,000 वयस्कों पर उनकी स्वाद की पसंद के आधार पर रिसर्च की गई. शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग दूध या शक्कर वाली कॉफी और अन्य मीठे स्वाद को पसंद करते हैं, उनमें आमतौर पर सहानुभूति, सहयोग और दया जैसे व्यक्तित्व वाले लक्षण थे. वहीं, कड़वे खाद्य पदार्थों का शौक रखने वाले और सेडिस्टिक या परपीड़क लोगों में संबंध पाया गया. सेडिस्टिक या परपीड़क वो लोग होते हैं, जो दूसरों को दुख में देखकर खुश होते हैं.
शोधकर्ताओं ने कहा कि कड़वे खाद्य पदार्थों और मनोरोगी प्रवृत्ति के लोगों बीच ये जुड़ाव पुराना हो सकता है और समय के साथ और खराब हो सकता है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा है कि स्वाद वरीयताएं हमारी संस्कृति और व्यक्तिगत अनुभवों से ज्यादा प्रभावित होती हैं, न कि व्यक्तित्व लक्षणों से और स्वाद प्राथमिकताएं अक्सर समय के साथ बदलती रहती हैं. इसके अलावा ब्लैक कॉफी पीने वाले लोग स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक होते हैं. ब्लैक कॉफी पीने के चौंकाने वाले स्वास्थ्य लाभ होते हैं, जबकि दूध और चीनी वाली कॉफी में स्पष्ट रूप से नहीं होते हैं. जो लोग ब्लैक कॉफी पीते हैं वे बिना किसी अतिरिक्त वसा या कैलोरी के कॉफी के सभी स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करते हैं.
रिसर्च के मुताबिक, ये संभव है कि ब्लैक कॉफी का स्वाद मनोरोगी प्रवृत्ति का संकेत दे सकता है, लेकिन आपको दूध और चीनी छोड़ने वाले किसी भी व्यक्ति के प्रति आपकी गलत धारणा नहीं रखनी चाहिए.