
कैवियार, खान-पान में दिलचस्पी रखने वालों ने ये नाम जरूर कभी न कभी सुना होगा. कैवियार को 'अमीरों की डिश' भी कहा जाता है. खाने के शौकीन वे लोग, जो अलग-अलग किस्म के ज्यादा से ज्यादा जायकों का एहसास करना चाहते हैं, जो इनके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना चाहते हैं, उनकी लिस्ट में इस डिश का नाम जरूर शामिल होता है. वैसे देखा जाए तो इसे चख पाना हर पैसे वाले के लिए भी मुमकिन नहीं क्योंकि असली कैवियार की उपलब्धता बेहद सीमित है और यह बेहद महंगी भी है. किसी मछली के अंडे इतने महंगे कैसे हो सकते हैं? इसे अमीरों की डिश क्यों कहा जाता है? इसे कैसे बनाया जाता है? आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब.
क्या है कैवियार?
कैवियार दरअसल, मछली के अनफर्टिलाइज्ड अंडे होते हैं जिन्हें 'फिश रो' के नाम से भी जाना जाता है. इसका स्वाद नमकीन होता है और इसे ठंडा ही परोसा जाता है. असली कैवियार जंगली स्टरजन मछलियों (Sturgeon Fish) के अंडे को कहा जाता है. कैस्पियन सी और काला सागर (Caspian and Black Sea) ने लंबे वक्त तक दुनिया के अधिकांश हिस्सों में कैवियार पहुंचाया, लेकिन अब कृषि-उत्पादित कैवियार मशहूर होता जा रहा है क्योंकि समुद्र में स्टरजन मछलियों की आबादी जरूरत से ज्यादा मछली पकड़ने के कारण कम होती जा रही है.
कैसे होता है कैवियार का उत्पादन?
समुद्र में स्टरजन मछली को तब पकड़ा जाता है जब वो खारे पानी से निकल कर ताजे पानी के स्त्रोत में अपने अंडे देने जा रही होती हैं. वहीं, अगर कृत्रिम ढंग से उत्पादन की बात करें तो अल्ट्रासाउंड के माध्यम से स्टर्जन मछलियों की निगरानी की जाती है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि उनके अंडे हार्वेस्ट होने के लिए तैयार हैं. बता दें, मछली के आकार के आधार पर, एक स्टर्जन एक बार में कई मिलियन अंडे दे सकती है.
कैसा होता है कैवियार का स्वाद?
आमतौर पर कैवियार दिखने में ब्लैक, ऑलिव ग्रीन, ग्रे और ऑरेंज कलर के होते हैं. रॉब रिपोर्ट के मुताबिक, कैवियार खाने में बहुत स्मूद और बटरी होता है. इसमें हल्का नमकीन स्वाद आता है. कभी-कभी इसका स्वाद हेजलनट फ्लेवर का होता है. स्टर्जन मछलियों की कई अलग-अलग प्रजातियां हैं, जिनसे अलग-अलग कैवियार का उत्पादन होता है. कैवियार रुस (रेस्तरां) के प्रबंध निदेशक इल्या पंचेर्निकोव के मुताबिक, स्टर्जन की तीन प्रजातियां जिन्होंने कैवियार को प्रसिद्ध बनाया है वो हैं- बेलुगा (Beluga), ऑस्ट्रा (Osetra) और सेवरुगा (Sevruga). इनके अलावा भी आपको स्टर्जन की और प्रजातियां मिल जाएंगी.
कहां होता है कैवियार का उत्पादन?
कुछ दशक पहले तक, कैस्पियन और काला सागर में तैरने वाले जंगली स्टरजन से कैवियार काटा जाता था. मछुआरे सागर से मछलियों को पकड़ लेते थे. इसके बाद वो मछलियों से 'रो सैक', जिसमें अंडे होते थे, उसे काट लेते थे और मछलियों को मरने के लिए वापस सागर में फेक देते थे. इसके चलते स्टर्जन मछलियां जरूरत से ज्यादा मछुआरों द्वारा पकड़ी जाने लगीं जिस कारण से इनके विल्पुत होने का खतरा मंडराने लगा. इसी को देखते हुए यूनाइटेड स्टेट्स फिश एंड वाइल्डलाइफ सर्विस और कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल ट्रेड इन एन्डेंजर्ड स्पीशीज़ ने संयुक्त राज्य में जंगली कैवियार को बेचना या काटने को अवैध बना दिया. आज के समय में चीन से लेकर मिडिल ईस्ट और मेडागास्कर तक कैवियार की खेती होने लगी है.
कैस्पियन सागर, जो बेलुगा, ऑस्ट्रा और सेवरुगा स्टर्जन्स का घर है, के आसपास वाले देशों में सबसे अच्छी गुणवत्ता वाला कैवियार मिलता है. सदियों से,रूस और ईरान ने दुनिया में उच्चतम गुणवत्ता वाले कैवियार का उत्पादन करते हुए कैवियार बाजार पर अपना दबदबा कायम रखा है. लेकिन साल 2021 में चीन कैवियार का बड़ा निर्यातक बन गया. 2017 में, अमेरिका में भेजे गए सभी कैवियार का लगभग 45% चीन से आया था.
कैवियार की कीमत इतनी ज्यादा क्यों?
कैवियार की कीमत की बात करें तो अलग-अलग प्रजातियों के कैवियार की कीमत अलग-अलग होती है. हालांकि, इनकी कीमत लाखों में होती है. अगर बेलुगा कैवियार की बात करें तो लगभग 450 ग्राम कैवियार की कीमत करीब 3 लाख रुपये होती है. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि क्यों कैवियार को अमीरों की डिश कहा जाता है.
कैवियार एक पौष्टिक भोजन है, जो प्रोटीन, अमीनो एसिड, आयरन और विटामिन बी 12 से भरपूर है. इसको खाने के बहुत से फायदे होते हैं. स्टर्जन कैवियार की डिमांड उसकी सप्लाई से बहुत ज्यादा है इसलिए ये बाजारों में बहुत महंगी कीमतों पर बिकती है. दरअसल, एक मादा स्टर्जन मछली अंडे देने में कम से कम 7 से 20 साल का समय लेती है. इस कारण से इसकी सप्लाई कम और डिमांड ज्यादा है.
कैवियार की सेल्फ लाइफ भी ज्यादा नहीं होती है. कैवियार ज्यादा से ज्यादा एक हफ्ते तक खाने योग्य होता है. वहीं, कैवियार के उत्पादन के लिए भी खास मेहनत लगती है. अंडों को सावधानीपूर्वक मछली से निकाला जाता है, धोया जाता है और हाथों से बनाया जाता है ताकि अंडे की गुणवत्ता बरकरार रहे.
कैवियार को कैसे परोसा जाता है?
कैवियार के टेस्ट पर ज्यादा फर्क न पड़े इसलिए इसे खास तरीके से परोसा जाता है. कैवियार को अक्सर चम्मच में परोसा जाता है. कैवियार को बहुत ज्यादा ठंडी जगह पर रखा जाता है और इसे बर्फ पर ही परोसा जाता है. कैवियार को खाने के लिए खास किस्म के चम्मच होते हैं. ये चम्मच हड्डी या सीप के बने होते हैं. ऐसा कहा जाता है कि स्टील या किसी और धातु से बने चम्मच कैवियार के टेस्ट पर फर्क डालते हैं.
अगर आप कैवियार के स्वाद को सच में एंजॉय करना चाहते हैं तो आपको इसके छोटे-छोटे बाइट लेने चाहिए. कैवियार को ज्यादातर ऐपेटाइज़र के रूप में परोसा जाता है. कैवियार को टोस्ट या बिस्किट के साथ परोसा जा सकता है. इसे रूसी पैनकेक के साथ भी परोसा जाता है.