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काली मिर्च में मिली इस चीज से कोरोना का पक्का इलाज! दवा में हो सकती है गेम चेंजर

aajtak.in
  • 17 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 2:22 PM IST
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कोरोना वायरस (Corona virus) के इलाज के लिए बनाई जा रही दवा में काली मिर्च काफी मददगार साबित हो सकती है. भारतीय शोधकर्ताओं की एक टीम का दावा है कि काली मिर्च (Black pepper) में पाए जाने वाला पेपराइन (Peperine) तत्व कोरोना वायरस का नाश कर सकता है जो कोविड-19 (Covid-19) की बीमारी का कारण है. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (धनबाद) के डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स के शोधकर्ताओं ने एक स्टडी में इसका खुलासा किया है.

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प्रमुख शोधकर्ता उमाकांत त्रिपाठी ने कहा, 'किसी भी अन्य वायरस की तरह SARS-CoV-2 हम्यून बॉडी के सेल्स में दाखिल होने के लिए सरफेस के प्रोटीन का इस्तेमाल करता है. उन्होंने और उनकी टीम ने एक ऐसा प्राकृतिक तत्व खोज निकाला है जो इस प्रोटीन को बांधकर रखेगा और वायरस को ह्यूमन सेल्स में प्रवेश करने से रोकेगा.'

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कोरोना वायरस की प्रणाली को बाधित करने वाले संभावित तत्वों की पहचान के लिए वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर की अत्याधुनिक मॉलिक्यूलर डॉकिंग और मॉलिक्यूलर डायनेमिक्स सिमुलेशन तकनीक का इस्तेमाल किया था. इसके लिए शोधकर्ताओं ने किचन के सामान्य मसालों में मौजूद 30 अणुओं का प्रयोग किया और उनमें छिपे औषधीय गुणों का पता लगाया.

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इस स्टडी में एक्सपर्ट ने पाया कि काली मिर्च में मौजूद एक एल्कोलॉयड जिसे पेपराइन कहा जाता है और जो इसके तीखेपन की वजह होता है, कोरोना वायरस का मजबूती से सामना कर सकता है. उमाकांत त्रिपाठी 'इंडियन साइंस वायर' के हवाले से कहा, 'ये परिणाम बहुत आशाजनक है. इस स्टडी में कोई संदेह नहीं है. हालांकि आगे की पुष्टि के लिए लैबोरेटरी में अधिक शोध की आवश्यक्ता है.'

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ओडिशा की एक बायोटेक कंपनी IMGENEX India Pvt Ltd के डायरेक्टर ऑफ बायोलॉजिक्स अशोक कुमार के सहयोग से इस खास तत्व का लैबोरेटरीज में परीक्षण किया जा रहा है. शोधकर्ताओं ने बताया कि कंप्यूटर बेस्ड स्टडीज लैब में टेस्ट से पहले का चरण होता है. यदि यह परीक्षण सफल होता है तो ये एक बड़ी सफलता होगी. बता दें कि काली मिर्च एक नेचुरल प्रोडक्ट है जिसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है.

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बता दें कि इस वक्त कोरोना की तबाही से पूरी दुनिया में 3 करोड़ 95 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं. साथ ही 11 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.

Photo: Reuters

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इस बीच अमेरिका, चीन और ब्रिटेन जैसे देश इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत तक कोरोना वैक्सीन बनने का दावा कर रहे हैं. हालांकि ऑक्सफोर्ड और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन में साइड इफेक्ट दिखने के बाद एक्सपर्ट ने इसे लेकर जल्दबाजी करने पर चेतावनी दी है.

Photo: Reuters

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