कोरोना वैक्सीन (Corona virus vaccine) की रेस में पिछले कुछ हफ्तों में बड़ी उठा-पटक देखने को मिली है. वैक्सीन में कामयाबी का दावा करने वाले रूस को पहले दुनियाभर में एक्सपर्ट ने फटकार लगाई. इसके बाद WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने भी साक्ष्यों के अभाव में रूस के परीक्षण को सिरे से नकार दिया. इसी बीच सामने आई रिपोर्ट्स से पता लगा है कि चीन ने भी अपने एक एडवांस वैक्सीन कैंडिडेट का कई तरह के लोगों पर प्रयोग करना शुरू कर दिया है.
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रूस और चीन के परीक्षण में फर्क सिर्फ इतना है कि चीन की कई कंपनियों ने शुरुआती चरणों में ड्रग के सकारात्मक प्रभाव को लेकर रिसर्च पेपर्स जारी किए हैं. ये सब ऐसे वक्त में हो रहा है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald trump) नवंबर में इलेक्शन से पहले फेज-3 ट्रायल की किसी एडवांस वैक्सीन के इमरजेंसी यूज को लेकर FDA ऑफिशियल्स पर दबाव बना सकते हैं.
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हालांकि डॉक्टर एंथॉनी फाउची जैसे बड़े हेल्थ ऑफिशियल्स ने चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसा करने से कोविड-19 वैक्सीन की पूरी विकास प्रक्रिया बाधित हो सकती है. कुछ ऐसी रिपोर्ट्स भी सामने आई हैं, जिनमें दावा किया गया है कि चीन पिछले कुछ हफ्तों से अपनी एक एडवांस ड्रग का इस्तेमाल बिना परीक्षण पूरा हुए लोगों पर कर रहा है.
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चीन अब सारे नियम-कानून तोड़कर EUA (इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन) अप्रूवल लेने के लिए दूसरे देशों को रिझाने में जुट गया है, ताकि अपने ड्रग के लिए उसे अन्य देशों में नया बाजार मिल सके. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, Sinovac के CoronaVac ड्रग को जुलाई में चीन के एक प्रोग्राम के तहत हाई रिस्क ग्रुप को वैक्सीनेट करने के लिए EUA मिला था.
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चीन नेशनल बायोटेक ग्रुप (CNBG) ने रविवार को वीचैट पर एक पोस्ट में कहा कि वो क्लिनिकल ट्रायल के फेज-3 में मौजूद दो वैक्सीन के लिए EUA अपने आप हासिल कर लेगा, फिर चाहे रेगुलेटरी उस ड्रग को आगे बढ़ाने की अनुमति दे या ना दे.
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चीन के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने लोकल मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि ये एक्सपेरीमेंटल ड्रग पिछले महीने तक 'रिस्क ग्रुप' के लोगों को दी जा रही थी. ऑथोरिटी फिलहाल सर्दियों में कोरोना के संभावित खतरे को देखते हुए इमरजेंसी प्रोग्राम को विस्तार करने पर विचार कर रही है.
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इतना ही नहीं, कुछ दिनों पहले ऐसी भी रिपोर्ट्स सामने आई थीं कि चीन ने सीएनबीजी के दो में से एक वैक्सीन का इस्तेमाल स्टेट फर्म के विदेश यात्रा पर जाने वाले कर्माचारियों पर किया था. रॉयटर्स की इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि चीन की आर्मी ने CanSino के वैक्सीन कैंडिडेट के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है.
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रिपोर्ट के मुताबिक, CanSino दुनियाभर की सरकारों के साथ इसे लेकर बातचीत कर रहा है, ताकि तीसरे चरण के नतीजे आने से पहले ही उन देशों में इसके आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल सके. CanSino मार्च में ही वैक्सीन ट्रायल शुरू करने वाली चीन की पहली कंपनी बनी थी और ये ड्रग चीनी सेना के सहयोग से तैयार की गई थी.
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कंपनी की वैक्सीन का फाइनल डेटा अभी तैयार नहीं है, इसके बावजूद, वो दवा को अन्य कई देशों में सप्लाई करने पर विचार कर रही है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि क्लिनिकल ट्रायल के तीसरे चरण में दवा के सफल होने की पूरी गारंटी नहीं ली जा सकती है. एक्सपेरीमेंट के लिए चीन पाकिस्तान (China and Pakistan) भी अपनी एक वैक्सीन भेजने वाला है.