डेंगू बुखार एक ऐसा संक्रमण है जो मच्छरों के काटने से होता है. डेंगू के बारे में एक आम गलतफहमी यह है कि ये सिर्फ मॉनसून में होता है, जबकि सच्चाई ये है कि अब डेंगू का प्रकोप साल भर रहता है और वास्तव में यह एक बारहमासी रोग बन गया है. यह विषाणुजनित रोग है और इसके विषाणु या वायरस अपने बचाव के लिए बार-बार बदलाव करते रहते हैं. इसी वजह से अब डेंगू किसी एक इलाके या सीजन की बात नहीं रहा.
अगर समय पर डेंगू का इलाज नहीं किया गया तो ये खतरनाक हो सकता है. डेंगू होने पर मरीजों के शरीर में बहुत तेज दर्द होता है. बुखार, सिरदर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते, मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द इसके लक्षण हैं. कुछ लोगों में डेंगू बुखार एक या दो ऐसे रूपों में हो सकता है जो जानलेवा हो सकता है. पहला, डेंगू रक्तस्रावी बुखार है, जिसके कारण रक्त वाहिकाओं (रक्त ले जाने वाली नलिकाएं), में रक्तस्राव या रिसाव होता है और ब्लड प्लेटलेट्स (जिनके कारण रक्त जमता है) का स्तर कम होता है. दूसरा डेंगू शॉक सिंड्रोम है, जिससे खतरनाक रूप से ब्लडप्रेशर कम होता है.
डेंगू एक ऐसी बीमारी है जो एडीज इजिप्टी मच्छरों के काटने से होता है. इस रोग में तेज बुखार के साथ शरीर पर चकत्ते बनने शुरू हो जाते हैं. डेंगू बुखार बहुत ही दर्दनाक और अक्षम कर देने वाली बीमारी है. इसमें मरीज के शरीर में दर्द बहुत ज्यादा होता है, इसलिए इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है. यह ऐसी बीमारी है जो व्यक्ति की जान भी ले सकती है.
डेंगू की वजह से कई बार शरीर में पानी की कमी, लगातार शरीर से खून निकलना, प्लेटलेट्स घटना, रक्तचाप कम होना, रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी, लीवर को क्षति पहुंचना इत्यादि प्रकार की बीमारियां होने लगती हैं.
ध्यान रहे यह जरूरी नहीं कि आपको बार-बार मच्छर काटते हैं, तो ही डेंगू होता है. एक बार भी अगर इस मच्छर ने आपको काट लिया तो आपके खून में यह वायरस पहुंच सकता है और आपको डेंगू हो जाएगा.
डेंगू की रोकथाम के लिए जरुरी है कि डेंगू के मच्छरों के काटने से अपने शरीर को बचाएं और इन मच्छरों के फैलने पर नियंत्रण रखा जाए. एडीज इजिप्टी नामक मच्छर जिसके काटने से डेंगू होता है, वह साफ रुके हुए पानी जैसे कूलर, एसी, गमले आदि में पनपता है. ऐसी जगहों पर पानी जमा न होने दें. डेंगू के मच्छर अक्सर कोनों में छिप जाते हैं, इसलिए घर के कोने-कोने में काला हिट का छिड़काव करें. डेंगू वायरस से जल्द निजात पाने के लिए इसके लक्षणों को पहचान कर सही समय पर डॉक्टर की सलाह लें.