मच्छरों के काटने पर डेंगू सहित कई जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं. खासतौर से मॉनसून के मौसम में मच्छरों का ये आतंक और बढ़ जाता है. कुछ जगहों पर ये मच्छर ज्यादा पनपते हैं जिसकी वजह से उन जगहों पर बीमारियों का खतरा बहुत बढ़ जाता है. ऐसी जगहों पर जाने से बचें या जाने से पहले मच्छरों से बचने वाली क्रीम लगाएं.
डेंगू का मच्छर दूसरे मच्छरों से अलग होता है जिसे एडीज मच्छर कहते हैं. डेंगू के मच्छर अक्सर साफ पानी में ही पनपते हैं. ये मच्छर सामान्य मच्छर की तुलना में थोड़े बड़े होते है. ऐसे मच्छर ज्यादातर घनी आबादी वाली जगहों पर पाए जाते हैं.
मच्छरों को बढ़ने से रोकने के लिए उनके लार्वा को खत्म करना सबसे जरूरी होता है ताकि इन्हें पनपने से रोका जा सके. घर के आस-पास उड़ने वाले मच्छरों के काटने से खुजली होती है और वो बीमारी फैलाने का भी काम करते हैं. मच्छरों को रोकने के लिए बाजार में कई प्रोडक्ट मिलते हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में.
मच्छरों से बचाने वाले प्रोडक्ट में पाइरेथ्रिन, प्रालेथ्रिन और इटोफेनप्रोक्स का इस्तेमाल होता है. इसके अलावा पायरेथ्राइड का इस्तेमाल भी किया जाता है. पायरेथ्राइड मच्छरों पर किए जाने वाले छिड़काव में इस्तेमाल होने वाला एक कीटनाशक है. इसका इस्तेमाल कई घरों में कीड़े-मकोड़े से बचने के लिए स्प्रे के रूप में किया जाता है.
एक अन्य कीटनाशक मैलाथियान है जो मच्छरों को रोकने में बहुत कारगर है. इसके अलावा Naled पेस्टिसाइड का भी इस्तेमाल मच्छरों पर व्यापक रूप से किया जाता है. मच्छरों पर किए जाने वाले ये छिड़काव असरदार तो होते हैं लेकिन ये बहुत कम समय तक काम करते हैं.
ये कीटनाशक छिड़काव जल्द ही सूख या उड़ जाते हैं जिसके बाद मच्छरों पर इनका असर नहीं होता है और वो वापस आ जाते हैं. जिन जगहों पर मच्छर ज्यादा पनपते हैं वहां इन कीटनाशकों के जरिए उन्हें कम किया जा सकता है.