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सेहत

मच्छरों के काटने से हो सकती हैं ये 5 खतरनाक बीमारियां, जानें बचाव के तरीके

aajtak.in
  • 28 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 10:55 AM IST
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मच्छर के काटने से डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, और गैस्ट्रोएन्टराइटिस जैसी घातक बीमारियां होती हैं. यह बातें जान लेना इसलिए जरूरी हैं क्योंकि बारिश की वजह से मच्छर पैदा होते हैं. मॉनसून के मौसम में मच्छरों का प्रकोप और बढ़ जाता है. आइए जानते हैं आखिर मच्छरों के कारण कौन सी खतरनाक बीमारियां फैल सकती हैं और इन बीमारियों के लक्षण और बचाव के तरीके क्या हैं.

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मॉनसून में सबसे ज्यादा परेशान मच्छरों से होने वाली बीमारियां करती हैं. ऐसी ही एक बीमारी का नाम है मलेरिया. यह बीमारी फीमेल एनोफेलीज मच्छर के काटने से होती है. इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति में बुखार, सिरदर्द, बदनदर्द, कमजोरी, चक्कर आना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. इस बीमारी से बतने के लिए व्यक्ति को पूरी तरह ढके हुए कपड़े पहनने चाहिए. इसके अलावा अपने आसपास साफ-सफाई का भी ध्यान रखें. घर के आसपास जलभराव न होने दें. समय-समय पर मच्छरों को दूर रखने के लिए घर की नालियों के आसपास स्प्रे करवाते रहें.
 

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मॉनसून में मच्छरों से होने वाली यह दूसरी गंभीर बीमारी है. डेंगू से हर साल सैकड़ों लोग अपनी जान गवां देते हैं. इस बुखार से पीड़ित व्यक्ति में सिरदर्द, रैशेज, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, ठंड लगना, कमजोरी, चक्कर आने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. डेंगू से पीड़ित व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट लेनी चाहिए. इसके अलावा इन लक्षणों के नजर आते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. 

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मॉनसून में एडिस मच्छर के काटने से चिकनगुनिया होता है. इस बीमारी के लक्षण डेंगू से मिलते-जुलते होते हैं. यह मच्छर ज्यादातर दिन के समय काटते हैं. सिरदर्द, आंखों में दर्द, नींद न आना, कमजोरी, शरीर पर लाल चकत्ते बनना और जोड़ों में तेज दर्द इस बीमारी के लक्षण हैं. इस बीमारी से बचने के लिए घर के आस-पास सफाई रखें ताकि आपके आस-पास मच्छर न पैदा हो सकें.

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गैस्ट्रोएन्टराइटिस यानी आंत्रशोथ पाचन तंत्र में संक्रमण और सूजन के कारण होने वाले बीमारी है. इसमें व्यक्ति को पेट में ऐंठन, दस्त और उल्टी जैसी शिकायत हो सकती है. गैस्ट्रोएन्टराइटिस से प्रभावित व्यक्ति को डायरिया हो सकता है. यह अक्सर दूषित भोजन या पानी पीने की वजह से होता है. ये वायरस खाने या पानी के साथ शरीर में प्रविष्ट करके 4 से 48 घंटे में अपना संक्रमण फैलाना शुरू कर देते हैं. इसके उपचार में  तरल पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन, फार्मासिस्ट से उपलब्ध ओरल रिहाइड्रेशन पेय यानी ओआरएस का सेवन करना चाहिए. इस रोग से बचने के लिए घर का स्वच्छ खाना खाना चाहिए. बासी भोजन और दूषित पानी का प्रयोग करने से बचें. भोजन पकाने और खाने से पहले हाथ साबुन से अच्छी तरह धोएं.

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यह बीमारी दूषित भोजन ग्रहण करने, दूषित जल और इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलती है. पीलिया, थकावट, भूख न लगना, मिचली, हल्का बुखार, पीले रंग का यूरीन और सारे शरीर में खुजली इसके आम लक्षण है. इस बीमारी को रोकने के लिए समय पर टीकाकरण करवाने के साथ अशुद्ध भोजन और पानी से दूर रहना चाहिेए

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