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देश के 15 करोड़ लोग हैं मानसिक रूप से बीमार, ये है वजह

भारत देश की आबादी बड़ी मात्रा में मानसिक स्वास्थ्य से पीड़ित है. आइए जानते हैं इसकी क्या वजह है...

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
प्रज्ञा बाजपेयी
  • नई दिल्ली,
  • 10 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 4:01 PM IST

भारत में अनुमानित 15 करोड़ लोगों को मानसिक स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता है. राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2015-16 में ये बात सामने आई है. मानसिक स्वास्थ्य के लक्षणों और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की जागरूकता में कमी के कारण देश में उपचार के बीच अंतर पैदा हुआ है.

हेल्थ एक्सपर्ट ने कहा, अधिकांश लोगों को केवल देखभाल की आवश्यकता होती है. कुछ को तनाव, थकान और शरीर में दर्द होता है और किसी से बात करने या बस साथ बैठने का दिल करता है. यह केवल तब होता है जब ये लक्षण विकसित हो जाते हैं और चीजें बदतर होती जाती हैं, जिससे समय के साथ स्थिति गंभीर होती जाती है.

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उन्होंने ये भी कहा, कई मामलों में अवसाद सहित मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं गरीबी, घरेलू हिंसा और कम उम्र में विवाह जैसी समस्याओं से जुड़ी हो सकती हैं. इसलिए, इस मुद्दे को समग्र रूप से देखना जरूरी है. हालांकि भारत के 27 प्रतिशत जिलों में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम हैं, लेकिन कई स्थानों पर पूरी टीम की कमी है. भारतीय लोग मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के प्रति इम्यून नहीं है, लेकिन इस बात में भरोसा नहीं करते कि उन्हें भी यह समस्या हो सकती है.

हेल्थ एक्सपर्ट का ये भी कहना है कि पैरासिम्पेथेटिक तंत्रिका तंत्र शरीर को तनाव प्रतिक्रियाओं से शांत होने में मदद करके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो रक्तचाप को बढ़ाता है, आंखों की पुतलियों को फैलाता है.

मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए ये करें-

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- साबुत अनाजों से तैयार आहार का उपभोग करें.

- इसमें हरी पत्तेदार सब्जियां, गुणवत्ता वाला प्रोटीन, स्वस्थ वसा और जटिल काबोर्हाइड्रेट शामिल हैं.

- हाइड्रेटेड रहें क्योंकि यह लिम्फैटिक सिस्टम से विषाक्त पदार्थों को दूर करने में मदद करेगा और शरीर से मैटाबोलिज्म कचरे को हटा देगा.

- यह ऊतकों को डिटॉक्सीफाई और फिर से बनाने के लिए आवश्यक हैं.

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