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साबुन, शैम्पू से हो सकता है कैंसर, अमेरिका में लगा बैन

अमेरिका में कुछ साबुन, शैम्पू और कॉस्मेटिक उत्पादों पर रोक लगा दी गई है. बताया जा रहा है कि इन उत्पादों में जहरीले रसायन पाए गए हैं जो कैंसर की वजह बनते हैं. इनमें ऐसे उत्पाद भी शामिल हैं, जिसे भारत में भी इस्तेमाल किया जाता है.

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वंदना भारती
  • नई दिल्ली,
  • 19 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 3:22 PM IST

आप जिन साबुन और शैम्पू को इस अरमान के साथ लगाते हैं कि उससे आपकी त्वचा और बालों की खूबसूरती बढ़ जाएगी, वह दरअसल कैंसर की वजह बन सकते हैं.

अमेरिका में ऐसे ही कुछ साबुन और शैम्पू के उपयोग पर रोक लगा दिया गया है, जिनमें जहरीले रसायन पाए गए हैं. यूएस सिनेट के अनुसार कुछ खास साबुन, शैम्पू और क्रीम में ऐसे रसायन पाए गए हैं, जो कैंसर की वजह बनते हैं.

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एक अध्ययन में शामिल साबुन और शैम्पू में 4-डायऑक्सेन नाम का रसायन पाया गया. अध्ययनकर्ताओं के अनुसार इस केमिकल से नाक, लिवर और स्तर कैंसर का खतरा रहता है.

आपको यह जानकर और भी हैरानी होगी कि ब्यूटी प्रोडक्ट एंड कॉस्मेटिक्स बनाने वाली कंपनियां बच्चों से संबंधित उत्पादों में भी इसका खुलकर इस्तेमाल करती हैं.

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यही नहीं, कुछ संस्क्रीन, लिप बाम और एसपीएफ युक्त प्रोडक्ट में ओक्सीबेंजोन नाम का रसायन पाया जाता है, जो शरीर में हार्मोन्स के संतुलन को बिगाड़ता है और इनकी वजह से रिप्रोडक्ट‍िव सिस्टम भी प्रभावित हो सकता है.

वहीं नेल रिमूवर और नेल पॉलिश में वोलेटाइल पेट्रोकेमिकल सॉल्वेंट और पेंट थिनर के रूप में इस्तेमाल होने वाला न्यूरोटॉक्स‍िक रसायन की वजह से सांस की बीमारी हो सकती है.

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परफ्यूम, मेकअप, हैंड सेनीटाइजर, डीयोड्रेंट, टूथपेस्ट, बेबी वाइप्स, लोशन आदि में फेनोग्जीथनोल पाया जाता है, जिससे त्वचा की बीमारियां होती हैं. जानवरों पर आधारित एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि इससे ब्लैडर डैमेज भी हो सकता है.

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