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माइग्रेन से पीड़ित महिलाओं को उन दिनों में होती है ज्यादा तकलीफ

माइग्रेन से पीड़ित महिलाओं को महीने के उन दिनों में तुलनात्मक रूप से अधिक तकलीफ उठानी पड़ती है. वैज्ञानिकों की मानें तो ऐसी महिलाओं के लिए पीरियड्स बहुत ही तकलीफदेह होता है और वो बेहद तनाव में भी रहती हैं.

इस वजह से बढ़ जाती है पीरियड्स की तकलीफ इस वजह से बढ़ जाती है पीरियड्स की तकलीफ
भूमिका राय
  • नई दिल्ली,
  • 02 जून 2016,
  • अपडेटेड 5:14 PM IST

माइग्रेन से पीड़ित महिलाओं को महीने के उन दिनों में तुलनात्मक रूप से अधिक तकलीफ उठानी पड़ती है. वैज्ञानिकों की मानें तो ऐसी महिलाओं के लिए पीरियड्स बहुत ही तकलीफदेह होता है और वो बेहद तनाव में भी रहती हैं.

वैज्ञानिकों ने पीरियड्स और ओएस्ट्रोजेन हॉर्मोन के बीच एक संबंध की खोज की है. जिसके चलते माइग्रेन से पीड़ित महिलाओं को इन दिनों में ज्यादा दर्द सहना पड़ता है. साथ ही वो तनाव में भी रहती हैं.

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वैज्ञानिकों का कहना है कि हमेशा से इस बात को लेकर संदेह जताया जाता रहा है कि ओएस्ट्रोजेन हॉर्मोन के लेवल का ऊपर-नीचे होना कहीं न कहीं माइग्रेन से जुड़ा हुआ है. पर इस नए शोध में माइग्रेन और पीरियड्स के बीच संबंधों का आंकलन किया गया है.

न्यूयॉर्क के मॉन्टेफियोर मेडिकल सेंटर के विशेषज्ञों ने पहली बार माइग्रेन और पीरियड्स की तकलीफ के बीच संबंध की व्याख्या की है. अध्ययन में कहा गया है कि जिन महिलाओं को माइग्रेन की शिकायत होती है उनमें ओएस्ट्रोजेन हॉर्मोन का लेवल पीरियड्स के पहले बहुत तेजी से कम हो जाता है.


ऐसे में अनिद्रा की शिकायत हो जाना, चक्कर आना और धुंधला दिखना शुरू हो जाता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि माइग्रेन दुनिया की तीसरी सबसे सामान्य हेल्थ प्रॉब्लम है. आंकड़ों की मानें तो हर सात में से एक शख्स को माइग्रेन की समस्या है.

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