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भूलकर भी फिश पेडीक्योर करवाते समय न करें ये 5 गलतियां, पछताना पड़ेगा

पैरों की खूबसूरती बनाए रखने के लिए महिलाएं क्या कुछ नहीं करतीं. टैनिंग दूर करने के लिए कभी ब्लीच करवाती हैं तो कभी फिश पेडीक्योर. आजकल पैरों की सेहत और सुंदरता बनाए रखने के लिए लोग फिश पेडीक्योर की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 5:29 PM IST

पैरों की खूबसूरती बनाए रखने के लिए महिलाएं क्या कुछ नहीं करतीं. टैनिंग दूर करने के लिए कभी ब्लीच करवाती हैं तो कभी फिश पेडीक्योर. आजकल पैरों की सेहत और सुंदरता बनाए रखने के लिए लोग फिश पेडीक्योर की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं. फिश पेडीक्योर एक तरह की थेरेपी है. जिसमें पैरों को मछलियों से भरे एक टब में डाला जाता है. टब में मौजूद छोटी-छोटी मछलियां आपके पैरों से डेड स्किन को अलग कर उसे खा जाती है.

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फिश पेडीक्योर के फायदे-

-फिश पेडीक्योर करवाने से पैरों की स्किन मुलायम बनती है.

-फिश पेडीक्योर करवाने से आपको पैरों के दर्द से निजात मिलती है.

-फिश पेडीक्योर करवाने से एक्जिमा और सोरायसिस जैसी बीमारियों में फायदा होता है.

-फिश पेडीक्योर करवाने के लिए आपको अपनी जेब पर ज्यादा जोर भी नहीं डालना पड़ेगा. बता दें, यह बहुत ज्यादा मंहगा भी नहीं होता है.

-पेडीक्योर के लिए यूज की जाने वाली मछलियां डेड स्किन साफ करने के साथ शरीर के रक्तप्रवाह को भी बढ़ाती है.

- पेडीक्योर करने वाली गारा रूफा नाम की मछलियां पैरों की डेड स्किन को खाकर उन्हें सुंदर और ग्‍लोइंग बनाने में मदद करती हैं.

फिश पेडीक्योर के नुकसान-

आपने कई बार मॉल्स या पार्लर में लोगों को एक ही टैंक में अपने पैरों को डालकर पेडीक्योर करवाते देखा होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं आपका ऐसा करना आपके लिए सेहत के लिए कितना सुरक्षित है. फिश पेडीक्योर तभी सुरक्षित होते हैं जब उसे करवाते समय साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा गया हो. गारा रूफा नाम की मछलियां फिश पेडीक्योर करने के लिए इस्तेमाल की जाती है. फिश पेडीक्योर करवाते समय महिलाओं को इन जरूरी बातों पर जरूर ध्यान देना चाहिए. वरना इसका असर आपकी सेहत पर पड़ सकता है. आइए जानते हैं फिश पेडीक्योर करवाते हुए आखिर किन बातों का ध्‍यान रखना चाहिए.

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-कई बार फिश पेडीक्योर करने वाले पार्लर और स्पा सेंटर के लोग टब के पानी को कई दिनों तक नहीं बदलते. इसकी वजह से टैंक में उपस्थित माइक्रोबैक्टीरिया के कारण आपको कई तरह का स्किन इंफेक्शन हो सकता है. फिश पेडीक्योर करवाते समय इस बात का ध्‍यान रखें कि टब का पानी रोज बदला जाता और पानी साफ हो. ध्यान रखें अगर एक बार फिश पेडीक्योर करने के बाद स्पा के लोग टब का पानी नहीं बदलते तो संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है.

सावधानियां-

-अगर आपके पैरों में चोट लगी हो तो फिश पेडीक्योर न करवाएं. ऐसा करवाने से पेडीक्योर करवाते समय चोट से खून बहने लगता है. जो टब में जाकर इंफेक्शन का कारण बनता है.

-अगर फिश पेडीक्योर लेते समय आपके पैरों से अचानक खून निकलने लगे तो अपने पैरों को तुरंत पानी से बाहर निकालकर उन्हें किसी एंटीसेप्टिक दवाई से तुरंत साफ कर लें.

-अगर आप पहले से ही किसी शारीरिक समस्‍या या चोट से जूझ रहे हैं तो भूलकर भी फिश पेडीक्योर करवाने की गलती न करें.

-अगर आपकी इम्युनिटी कमजोर है या फिर आप शुगर के मरीज हैं तो भी फिश पेडीक्योर करवाने की गलती न करें.

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