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Covid-19: चीन की एक और वैक्सीन रेस में आगे, साइड इफेक्ट के बिना इम्यून पर दिखा अच्छा रिजल्ट

aajtak.in
  • 07 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 3:12 PM IST
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चीन में कोरोना (Coronavirus) की एक एक्स्पेरीमेंटल वैक्सीन को सुरक्षा और प्रभाव की कसौटी पर खरा बताया जा रहा है. इस वैक्सीन (Corona vaccine) को 'चाइनीज अकेडमी ऑफ मेडिकल साइंस' के अंतर्गत इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल बायोलॉजी ने विकसित किया है. क्लिनिकल ट्रायल के प्रारंभिक चरणों में वैक्सीन के सुरक्षित और प्रभावशाली नतीजे सामने आए हैं.

Photo: Reuters

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शोधकर्ताओं ने बताया कि 191 हेल्दी वॉलंटियर्स पर ट्रायल के पहले चरण में वैक्सीन को टेस्ट किया गया था. सभी वॉलंटियर्स की उम्र 18 साल से 59 साल के बीच थी. मंगलवार को एक शोधकर्ता ने प्रीप्रिंट रिव्यू में बताया कि वॉलंटियर्स के किसी भी ग्रुप पर वैक्सीन शॉट के साइड इफेक्ट नहीं देखने को मिले हैं.

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हालांकि, प्रीप्रिंट रिव्यू में वैक्सीन लगने के बाद कुछ हल्के-फुल्के रिएक्शन (Corona vaccine side effects) देखने को मिले. वैक्सीन लगने के बाद वॉलंटियर्स ने इंजेक्शन वाली जगह पर हल्का दर्द, थकावट, लालपन, खुजली और सूजन महसूस की. वैक्सीन का इम्यून सिस्टम (Immune system) पर भी अच्छा रिस्पॉन्स मिलने का दावा किया गया है.

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इस ट्रायल में हासिल किया गया पूरा डेटा वैक्सीन की प्रभावशीलता, सुरक्षा और प्रतिरक्षण क्षमता का समर्थन करता है. साथ ही ट्रायल को अगले चरण की टेस्टिंग के लिए प्रोत्साहित करता है. बता दें कि चीन की और भी कई दवा वैक्सीन की रेस में काफी आगे चल रह हैं. इन में कैनसिनो बायोलॉजिकल, सिनोवैक और बीजिंग इंस्टिट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल द्वारा विकसित वैक्सीन ट्रायल के पहले और दूसरे चरण में हैं.

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हालांकि, ट्रायल खत्म होने से पहले ही चीन ने अपने हेल्थ केयर वर्कर्स और गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों को ये वैक्सीन देनी शुरू कर दी हैं. इसकी सुरक्षा को लेकर एक्सपर्ट्स के बीच चिंता काफी बढ़ गई है. इस वक्त चीन की लगभग चार वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के फाइनल स्टेज पर हैं. बता दें कि कुछ समय पहले ही एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित की जा रही वैक्सीन के साइड इफेक्ट देखने को मिले थे.

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ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन लगने के बाद वॉलंटियर के अचानक बीमार होने से अमेरिका और ब्रिटेन में कई ट्रायल बंद कर दिए गए थे. इस खबर का असर भारत में होने वाले वैक्सीन ट्रायल पर भी देखने को मिला था. हालांकि बाद में एस्ट्राजेनेका ने दावा किया कि इस तरह के साइड इफेक्ट वैक्सीन के निर्माण कार्य में अक्सर देखने को मिलते हैं.

Photo: Reuters

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