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Corona: डेढ़ साल में कितनी बदल गई सेक्स लाइफ? इन लक्षणों ने बढ़ाई ज्यादा चिंता

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 1:56 PM IST
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कोरोना महामारी में लॉकडाउन के चलते दफ्तरों में काम करने वालों की ऑफिस लाइफ वर्क फ्रॉम होम पर शिफ्ट हो गई है. वर्क फ्रॉम होम की वजह से कपल्स को घर में एकसाथ समय बिताने का काफी मौका भी मिला है. लेकिन इसके बावजूद उनमें शारीरिक संबंध बनाने संबंधी गतिविधि में कमी देखी गई है. सेक्सोलॉजिस्ट इस बात का दावा कर रहे हैं.

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एक्सपर्ट कहते हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से लोग अपने पार्टनर के साथ शारीरिक संबंध बनाने से कतराने लगे हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि महामारी के इस संकटकाल में बहुत से लोग सोलो सेक्स पर स्विच हो रहे हैं. उन्हें डर है कि पार्टनर के साथ शारीरिक संबंध के चलते वे इस जानलेवा संक्रमण का शिकार न हो जाएं. इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा कि पिछले डेढ़ साल में हमारी सेक्स लाइफ में काफी बड़ा बदलाव आ गया है.

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द वीक की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक्सपर्ट कहते हैं कि सेक्सुअल रिस्पॉन्स इच्छा, उत्तेजना और कामोत्तेजना पर निर्भर करता है. कोविड-19 के कारण बढ़ी एन्जाइटी, डिप्रेशन और साइकोसिस ने यौन इच्छा में कमी को बढ़ावा दिया है, जो कि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की वजह भी बन सकती है.

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एक्सपर्ट कहते हैं कि कोविड-19 किसी भी इंसान की सेक्सुअल लाइफ को तबाह कर सकता है. उनका कहना है कि कोविड-19 से होने वाले शारीरिक थकावट, कमजोरी और सांस में तकलीफ सीधे इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की बीमारी को ट्रिगर कर सकती है. इसे इन्हें लेकर डॉक्टर्स ज्यादा चिंतित हैं.

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कुछ लोग तो इसे लेकर भी चिंतित हैं कि कहीं कोरोना वैक्सीन उनकी सेक्स ड्राइव को ही डैमेज न कर दे. इसे लेकर एक्सपर्ट कहते हैं कि कोरोना को मिटाने के लिए बनी वैक्सीन से इंसान की कामोत्तेजना पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता है. ऑर्गेज्म के समय इससे शारीरिक अंगों और उत्तेजना पर किसी तरह का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है.

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एक्सपर्ट ये भी कहते हैं कि वैक्सीनेशन के बाद पार्टनर्स के साथ शारीरिक संबंध बनाने के मामले बढ़े हैं. हालांकि वैक्सीनेट होने के बावजूद कुछ लोग संक्रमण के शिकार हो जाते हैं, इसलिए कपल्स के मन से इसका डर पूरी तरह नहीं निकल पाता है. इंफेक्टेड व्यक्ति बड़ी आसानी से अपने पार्टनर को संक्रमित कर सकता है.

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वहीं, कुछ लोग इस भ्रम के भी शिकार हैं कि कोविड-19 की वैक्सीन से इनफर्टिलिटी का खतरा बढ़ सकता है. कुछ समय पहले ही स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज जारी कर यह सुनिश्चित किया था कि कोरोना वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित और इससे शरीर को कोई घातक साइड इफेक्ट नहीं है.

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इस बारे में एनटीएजीआई (NTAGI) में कोविड-19 पर काम कर रहे कार्यकारी समूह के अध्यक्ष, डॉ. एन.के. अरोड़ा ने बताया था कि जब भारत और अन्य देशों में पोलियो की वैक्सीन आई थी, उस समय भी इस तरह की अफवाह फैल गई थी. उस समय ऐसी अफवाह फैलाई गई थी कि पोलियो की वैक्सीन लगवाने वाले बच्चों को भविष्य में बांझपन का सामना करना पड़ सकता है.

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इस तरह की गलत जानकारी एंटी-वैक्सीन लॉबी द्वारा फैलाई जाती है. हमें पता होना चाहिए कि गहन वैज्ञानिक शोधों के बाद ही सभी वैक्सीन बनाई जाती हैं. किसी भी वैक्सीन का इस तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है. डॉ. एन.के. अरोड़ा कहते हैं कि मैं सभी को पूरी तरह से आश्वस्त करना चाहूंगा कि इस तरह का प्रचार केवल लोगों को गुमराह करता है. हमारा मुख्य उद्देश्य खुद को, परिवार और समाज को कोरोना वायरस से बचाना है. इसलिए सभी को आगे आकर वैक्सीनेशन करवाना चाहिए.

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कोरोना के इस संकट काल में सेक्स ड्राइव को दुरुस्त रखने के लिए भी एक्सपर्ट कई तरह के टिप्स दे रहे हैं. उनका कहना है कि लाइफस्टाइल में जरा सा सुधार करने से लोगों को बड़ा फायदा होगा. हमें रोजाना अपनी डाइट में हरी सब्जियां और फल शामिल करने चाहिए. प्रोटीन और फाइबर युक्त डाइट लें. नियमित रूप से वर्कआउट करना चाहिए. ये सब करने से हमें बड़ा फायदा हो सकता है.

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