भारत में कोरोना से अप्रैल के महीने में हुई रिकॉर्ड मौतों ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है. कई स्टडीज और शोधकर्ताओं का कहना है कि देश में 15 मई के आसपास कोरोना का पीक आ सकता है और उसके बाद इसकी रफ्तार धीमी पड़ जाएगी. हालांकि एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि भारत के लिए ये मुश्किल वक्त अभी और बढ़ सकता है.
एक नई स्टडी के मुताबिक, कोरोना के पीक की समयसीमा जून तक जा सकती है. ये स्टडी हॉन्ग कॉन्ग की एक ब्रोकरेज कंपनी CLSA ने की है. स्टडी के अनुसार, भारत में कोरोना की दूसरी लहर जून के महीने में अपने पीक पर होगी. ये अनुमान अमेरिका, ब्राजील और UK समेत 12 देशों के विश्लेषण पर आधारित है.
आपको बता दें कि इन 12 देशों को कोरोना वायरस की दूसरी लहर का सामना करना पड़ा है. स्टडी के अनुसार, इन 12 देशों में कोरोना पीक पर तब आया जब कुल आबादी के 2 फीसदी लोग इसकी चपेट में आ गए.
स्टडी में कहा गया है, 'दूसरी लहर में अभी भारत की आबादी के कुल 0.5% लोग संक्रमित है और 2 फीसद आबादी के संक्रमित होने में लगभग दो महीने का समय लग सकता है. महाराष्ट्र अभी 1.8% पर है और एक सप्ताह से भी कम समय में वो इस स्तर पर पहुंच सकता है.'
स्टडी में भारत के लिए लगाया गया ये अनुमान निश्चित रूप से परेशान करने वाला है. कोरोना के मामले और इससे हो रही मौतें अगर जून के महीने तक जाती हैं तो स्थिति भयावह हो सकती है.
इससे पहले, अमेरिका में मिशिगन यूनिवर्सिटी में महामारी विशेषज्ञ भ्रामर मुखर्जी ने भी भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों पर ट्वीट किया था. उन्होंने देश में कोरोना की स्थिति को लेकर आगाह करते हुए कहा था कि मई के मध्य तक रोजाना 8-10 लाख नए केस सामने आ सकते हैं और 23 मई के आसपास आसपास रोजाना 4,500 लोग कोरोना से अपनी जान गंवा सकते हैं.
इसके अलावा आईआईटी वैज्ञानिकों की एक टीम ने भी हाल में एक स्टडी जारी की थी जिसमें आने वाले दिनों में भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों का जिक्र किया गया था. वैज्ञानिको ने आशंका जताई है कि मई के मध्य तक कोरोना के मामले 10 लाख से ऊपर तक जा सकते हैं.
कोरोना के बढ़ते आंकड़ों के बीच देश में 18 साल से ऊपर वालों को भी वैक्सीन देने का काम शुरू किया जा चुका है. उम्मीद जताई जा रही है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाकर जल्दी ही इस महामारी पर काबू पाया जा सकेगा.