कोरोना जैसी भयंकर महामारी के दौर में लोगों को योग का महत्ता ज्यादा अच्छे से समझ आने लगे है. महामारी के इस संकट काल में खुद डॉक्टर्स ने लोगों को योग करने की सलाह दी. यही कारण है कि आज पूरी दुनिया भारत को 'योग गुरु' ऐसे ही नहीं मानती है. योग के प्रति लोगों को जागुर करने के लिए हर साल 21 जून को 'अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस' सेलिब्रेट किया जाता है.
लेकिन क्या आप जानते हैं, भारत में योग परंपरा को समृद्ध बनाने में कुछ फेमस योग गुरुओं का बड़ा योगदान रहा है. आज देश-विदेश से लोग भारत में योग सीखने आते हैं. दरअसल ये उन्हीं योग गुरुओं की कठिन मेहनत का नतीजा है, जिन्होंने अपना पूरा जीवन योग के नाम समर्पित कर दिया. आइए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर आपका ऐसे ही कुछ महान योग गुरुओं से परिचय करवाते हैं.
धीरेंद्र ब्रह्मचारी- धीरेंद्र ब्रह्मचारी इंदिरा गांधी के योग टीचर के रूप में जाने जाते हैं. इन्होंने दूरदर्शन चैनल के माध्यम से योग को बढ़ावा देने का काम शुरू किया. इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली के स्कूलों और योग को विश्वयातन योगआश्रम में योग को शुरू करवाया है. उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी भाषा में कई किताबें लिखकर योग को बढ़ावा दिया है. जम्मू में उनका एक आलीशान आश्रम भी है.
बीकेएस अयंगर- बी के एस अंयगर ने योग को दुनियाभर में पहचान दिलाने में एक अहम भूमिका निभाई है. 'अंयगर योग' के नाम से उनका एक योग का स्कूल भी है. इस स्कूल के माध्यम से उन्होंने दुनियाभर के लोगों को योग के प्रति जागरूक किया था. साल 2004 में 'टाइम मैगजीन' ने उनका नाम दुनिया के टॉप 100 प्रभावशाली लोगों में शुमार किया गया था. इसके अलावा उन्होंने पतंजलि के योग सूत्रों को नए सिरे से परिभाषित किया. 'लाइट ऑन योग' के नाम से उनकी एक किताब भी है, जिसको योग बाइबल माना जाता है.
कृष्ण पट्टाभि जोइस- कृष्ण पट्टाभि जोइस भी एक बड़े योगगुरु थे. उनका जन्म 26 जुलाई 1915 और मत्यु 18 मई 2009 को हुई थी. कृष्ण ने अष्टांग विन्यास योग शैली विकसित की थी. उनके अनुयायियों में मडोना, स्टिंग और ग्वेनेथ पाल्ट्रो जैसे बड़े नाम शुमार थे.
तिरुमलाई कृष्णमचार्य- तिरुमलाई कृष्णमचार्य को 'आधुनिक योग का पिता' कहा जाता है. हठयोग और विन्यास को फिर से जीवित करने का पूरा श्रेय उन्हें ही जाता है. तिरुमलाई कृष्णमचार्य को आयुर्वेद की भी जानकारी थी. इलाज के लिए उनके पास आए लोगों को वो योग और आयुर्वेद की मदद से ही ठीक किया करते थे. उन्होंने मैसूर के महाराजा के राज के समय में पूरे भारत में योग को एक नई पहचान दिलाई थी.
परमहंस योगानंद- परमहंस योगानंद अपनी किताब 'ऑटोबायोग्राफी ऑफ अ योगी' के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने पश्चिम के लोगों को मेडिटेशन और क्रिया योग से परिचित कराया. इतना ही नहीं, परमहंस योगानंद योग के सबसे पहले और मुख्य गुरू है. उन्होंने अपना ज्यादातर जीवन अमेरिका में गुजारा था.
स्वामी शिवानंद सरस्वती- स्वामी शिवानंद सरस्वती पेशे से डॉक्टर थे. उन्होंने योग, वेदांत और कई अन्य विषयों पर लगभग 200 से ज्यादा किताबें लिखी हैं. 'शिवानंद योग वेदांत' के नाम से उनका एक योग सेंटर है. उन्होंने अपना पूरा जीवन इसी सेंटर को समर्पित कर दिया था. उन्होंने योग के साथ कर्म और भक्ति को एकजुट कर के दुनियाभर में योग का प्रचार किया था.
महर्षि महेश योगी- महर्षि महेश योगी देश और दुनिया में 'ट्रांसैडेंटल मेडिटेशन' के जाने-माने गुरु थे. कई सेलिब्रिटीज भी उन्हें अपना गुरु मानते हैं. दुनियाभर में वो अपने योग से जाने जाते हैं. श्री श्री रविशंकर भी महर्षि महेश योगी के शिष्य हैं.
बता दें कि देश के तमाम बड़े योगा एक्सपर्ट योग से निरोगी रहने की कला को अपने-अपने अंदाज में परिभाषित करते आए हैं. लेकिन मौजूदा दौर में बड़े-बड़े डॉक्टर्स और वैज्ञानिकों ने भी इसके महत्व को समझा है. यही कारण है कि आज पूरी दुनिया 7वें योग दिवस को सेलिब्रेट कर रही है.
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