कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और वैक्सीन की खोज लगातार जारी है. हालांकि, WHO प्रमुख टेड्रोस एडनॉम गेब्रियेसस का कहना है लोगों को वैक्सीन के भरोसे रहने की जरूरत नहीं है और जो भी संसाधन उपलब्ध है, उससे जान बचाने की कोशिश करनी चाहिए. उन्होंने रीजनल कमेटी की बैठक में ये बातें कहीं.
WHO प्रमुख ने कहा, 'कोवैक्स वैक्सीन फैसिलिटी और उपलब्ध उपकरण के आधार पर हम सभी को सुरक्षित और कारगर वैक्सीन उपलब्ध कराने की कोशिश करेंगे लेकिन हम सिर्फ वैक्सीन के इंतजार में नहीं बैठ सकते. हमारे हाथ में फिलहाल जो भी साधन है, उससे लोगों की जिंदगी बचाने की कोशिश करनी चाहिए.'
WHO प्रमुख ने कहा, 'कोरोना वायरस महामारी ने दुनिया की स्वास्थ्य प्रणालियों, समाज और अर्थव्यवस्थाओं को उलझा दिया है. हर जगह इसके मामले बढ़ रहे हैं और सभी देशों को सतर्क रहना चाहिए. वायरस अभी भी हमारे आसपास है और लोगों पर खतरा बना हुआ है.' WHO प्रमुख ने देशों से चार प्रमुख चीजों पर ध्यान देने को कहा है.
भीड़ को रोकें- WHO प्रमुख का कहना है कि देशों को अपने यहां स्टेडियम, नाइट क्लब, धार्मिक स्थल और दूसरे भीड़-भाड़ वाली जगहों पर लोगों को एकसाथ इकट्ठा होने से रोकना चाहिए क्योंकि भीड़ की वजह से संक्रमण आपस में आसानी से फैल सकता है.
बीमार लोगों का ख्याल रखें- हमें अपने घर में बुजुर्गों और बीमार लोगों को ख्याल रखना चाहिए ताकि हेल्थ सिस्टम पर अनावश्यक बोझ बढ़ने से रोका जा सके और लोगों की जान भी बचाई जा सके.
अपने आसपास लोगों को शिक्षित करें- खुद को और दूसरों को संक्रमण से बचाने के लिए आसपास के लोगों शिक्षित और सशक्त बनाएं. लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग, हैंड हाइजीन और मास्क के बारे में जागरुक करें. ये सभी चीजें जिंदगी बचाने का काम करती हैं.
सार्वजनिक स्वास्थ्य पर दें ध्यान- सभी लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए कोरोना के मामलों को ढूंढना, टेस्ट करना, उन्हें आइसोलेट करना और उनके संपर्क में आए लोगों को खोजना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए.
गेब्रियेसस ने कहा, 'जो देश ये इन चार चीजों को अच्छी तरह करते हैं, वो अपने देश में कोरोना को फैलने से और दोबारा लॉकडाउन लगाने से बच सकते हैं.' मीडिया को ब्रीफ करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले चार दिनों में कोरोना के मामलों में एक बार फिर बढ़ोतरी देखी गई है.
WHO प्रमुख ने कोरोना से निपटने के लिए डिजिटल टेक्नॉलोजी की भी अहम भूमिका बताई. इस मौके पर उन्होंने भारत के आरोग्य सेतु एप की भी तारीफ की. उन्होंने कहा, 'भारत में लाखों लोगों ने आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड किया है. इससे स्वास्थ्य विभागों को क्लस्टर क्षेत्रों की पहचान करने और वहां टेस्टिंग बढ़ाने में भी मदद मिलती है.'
WHO प्रमुख ने आगे कहा, 'इस एप के यूजर्स को उन क्षेत्रों की चेतावनी भी मिलती है, जहां कोरोना के मामले फैले हुए हैं. इतना ही नहीं, ये एप यूजर्स को कोरोना का टेस्ट कराने और उसका रिजल्ट देने, वो जहां जाते हैं उस जगहों को ट्रैक करने और स्थानीय प्रतिबंध के बारे में सारी जानकारी उपलब्ध कराता है.'