आज 31 मई को दुनिया भर में वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को तंबाकू से होने वाली घातक बीमारियों के बारे में जागरुक करना है. ग्लोबल एडल्ट टोबेको सर्वे (गैट्स) 2009-10 के अनुसार, करीब 35 प्रतिशत भारतीय किसी न किसी प्रकार से तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं. इनमें 47 प्रतिशत पुरुष और 20.2 प्रतिशत महिलाएं हैं. आइए जानते हैं कि तंबाकू शरीर के लिए किस तरह जानलेवा बन जाता है.
तंबाकू से सेहत को नुकसान- डॉक्टरों का मानना है कि तम्बाकू से दांत कमजोर पड़ जाते हैं और समय से पहले ही गिर जाते हैं. इसके सेवन से दांत-मुंह से संबंधित बीमारियां होने लगती हैं. इसके अलावा, ये आंखों की रौशनी भी कम कर देता है. तम्बाकू फेफड़ों के लिए भी बहुत खतरनाक है.
तंबाकू का निकोटीन ब्लड प्रेशर भी बढ़ाता है. जब आप धूम्रपान करते हैं तो उसका धुंआ पूरे श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है. ये आंख, कान और फेफड़ों को प्रभावित करता है. इसका सीधा संबंध मुंह से होता है इसलिए ज्यादा तंबाकू खाने से मुंह का कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है.
तंबाकू खाने वाले ज्यादातर लोग पूरी तरह अपना मुंह नहीं खोल पाते हैं. मुंह के अन्दर दोनों ओर सफेद लाइन कैंसर की तरफ बढ़ने का संकेत हैं. अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो ये खतरनाक हो सकता है.
तंबाकू के सेवन से व्यक्ति को निकोटीन की आदत पड़ जाती है और इसका असर दिमाग पर भी पड़ता है. तंबाकू खाने वाले व्यक्ति को लगता है कि इसे खाने से उसे एक तरह की दिमागी शांति मिल रही है और वो इसका आदी हो जाता है. ऐसे लोगों को जब तंबाकू नहीं मिलता है तो वो बेचैन और परेशान हो जाते हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, तंबाकू सेवन करने वाली महिलाओं में गर्भपात की दर सामान्य महिलाओं से तकरीबन 15 फीसदी अधिक होती है. तम्बाकू सेवन के कारण महिलाओं में फेफड़ों का कैंसर, दिल का दौरा, सांस की बीमारी, प्रजनन सम्बन्धी विकार, निमोनिया, माहवारी से जुड़ी समस्याएं ज्यादा होती है.