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कहीं आपके साबुन-शैम्पू में तो नहीं ये 6 कैमिकल? भयानक हैं साइड इफेक्ट्स

क्या आप जानते हैं इन प्रोडक्ट्स में शामिल कई तरह के इनग्रिडिएंट हमारे शरीर के लिए कितने नुकसानदायक होते हैं. आइए आज आपको ब्यूटी प्रोडक्ट्स में मौजूद 6 ऐसे कैमिकल एलिमेंट्स के बारे में बताते हैं जिनसे दूरी रहना ही बेहतर है.

साबुन, शैम्पू, बॉडी लोशन में मौजूद ये 6 कैमिकल बेहद खतरनाक, साइड इफेक्ट जानते ही बना लेंगे दूरी (Photo: Getty Images) साबुन, शैम्पू, बॉडी लोशन में मौजूद ये 6 कैमिकल बेहद खतरनाक, साइड इफेक्ट जानते ही बना लेंगे दूरी (Photo: Getty Images)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 5:17 PM IST

ब्यूटी प्रोडक्ट्स पर लोगों की इनकम का एक बड़ा हिस्सा खर्च होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं इन प्रोडक्ट्स में शामिल कई तरह के इनग्रिडिएंट हमारे शरीर के लिए कितने नुकसानदायक होते हैं. आइए आज आपको ब्यूटी प्रोडक्ट्स में मौजूद 6 ऐसे कैमिकल एलिमेंट्स के बारे में बताते हैं जिनसे दूर रहना ही बेहतर है.

टोलूइन- टोलूइन नाखून के प्रोडक्ट में इस्तेमाल होने वाला एक जहरीला कैमिकल है, जिसका पेंट थिनर में भी इस्तेमाल किया जाता है. यह एक पेट्रोकेमिकल है जो लिवर और बर्थ डिफेक्ट जैसी मुश्किलें बढ़ा सकता है.

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कार्बन ब्लैक- कार्बन ब्लैक का नाम फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) की बैन प्रोडक्ट लिस्ट में शामिल है. इसके बावजूद यह कई कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स में देखने को मिलता है. आंखों के मेकअप में इस्तेमाल होने वाले प्रोडक्ट्स में ब्लैक कार्बन या इसके वर्जन का इस्तेमाल होता है. इस खतरनाक प्रोडक्ट के इस्तेमाल से कैंसर और ऑर्गेन टॉक्सिटी का खतरा बढ़ सकता है

हैवी मेटल- आर्सेनिक, पारा, एल्यूमीनियम, जस्ता, क्रोमियम और एंटीमनी जैसे कई हैवी मेटल्स का पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है. इसमें लिपस्टिक, वाइटनिंग टूथपेस्ट, आइलाइनर और नेल पेंट जैसी कई चीजें शामिल हैं. ये न्यूरोटॉक्सिन ना सिर्फ मिसकैरेज का कारण बन सकती है, बल्कि फर्टिलिटी पर भी बहुत बुरा असर डालती है.

टाल्क- साल 2019 में एफडीए ने एस्बेस्ट के लिए पॉजीटिव टेस्टिंग के चलते ग्राहकों को कुछ कॉस्मेटिक आइटम्स का उपयोग करने से बचने की सलाह दी थी. इतना नहीं, एस्बेस्टस फ्री टाक का पेल्विक एरिया में इस्तेमाल ना करने की सलाह भी दी जा चुकी है. टाल्क ना सिर्फ हमारे फेफड़ों में दबाव बढ़ाने का काम करता है, बल्कि ये ओवेरियन, एंडोमेट्रियल और फेफड़ों के कैंसर को भी बढ़ावा देता है.

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ट्रिक्लोसन- ट्रिक्लोसल एक सिंथेटिक एंटीबैक्टीरियल एजेंट है जो आपके थाइरॉइड पंक्शन को डिस्टर्ब करने के साथ-साथ बैक्टीरियल रेजिस्टेंस पैदा कर सकता है. ये कैमिकल कम्पाउंड साबुन, माउथवॉश, शेविंग, क्रीम, डियोड्रेंट और टूथपेस्ट जैसी चीजों में पाया जाता है.

फ्टालेट्स- फ्टालेट्स प्लास्टिक में इस्तेमाल होने वाला कैमिकल का एक ग्रुप होता है. एंडोक्रीन डिसरप्टर्स और कार्सिनोजेंस के रूप में इसका इस्तेमाल नाखून, हेयर स्प्रे और कई प्रकार के स्किन केयर प्रोडक्ट्स में किया जाता है. फ्टालेट्स हमारी स्किन के लिए खतरनाक हो सकता है.

 

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