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Adivasi Hair Oil: आदिवासी हेयर ऑयल क्यों हो रहा इतना फेमस? डॉक्टर्स से जानें जंगली जड़ी-बूटियों से बने इस तेल की सच्चाई

आदिवासी हेयर ऑयल (Adivasi Hair Oil) की सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है. कई सेलेब्स और इंफ्लूएंसर्स इस हेयर ऑयल को प्रमोट कर रहे हैं. ऐसे में यह हेयर ऑयल कहां बनता है, कैसे बनता है, इतना क्यों फेमस है, डॉक्टर्स की इस तेल के बारे में क्या राय है, इस बारे में जानेंगे.

Image Credit: Instagram/Adivasihairoil Image Credit: Instagram/Adivasihairoil
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 10:31 AM IST

Know All About Adivasi Hair Oil: लंबे, घने और काले बाल हर किसी को चाहिए. मार्केट में इनके लिए कई तरह के शैंपू, कंडीशनर और हेयर ऑयल मौजूद हैं जो बालों की ग्रोथ अच्छी होने का दावा करते हैं. ऐसा ही एक हेयर ऑयल सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है, जिसका नाम है आदिवासी हेयर ऑयल (Adivasi Hair Oil). बताया जा रहा है कि यह तेल कर्नाटक के आदिवासी क्षेत्रों से निकलकर आया है और आज कई लोग इसके बारे में जानने लगे हैं. इस तेल को कई सेलेब्रिटीज-इंफ्लूएंसर्स प्रमोट कर रहे हैं जिनमें कॉमेडियन भारती सिंह, कोरियोग्राफर फराह खान, यू-ट्यूबर एल्विश यादव जैसे कई नाम शामिल हैं.

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प्रमोशन देखने के बाद यह तेल वृद्ध और युवाओं के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. इस हेयर ऑयल का ऐड ऐसे पुरुष और महिला  मॉडल्स द्वारा किया जाता है जिनके लंबे, घने और काले बाल हैं. यह भी दावा किया जाता है कि यह तेल बालों की ग्रोथ के लिए जिम्मेदार तो है ही बल्कि यह उन लोगों के सिर पर भी हेयर ग्रोथ कर सकता है जिनके बाल नहीं हैं.

यह तेल कितना प्रभावी है और इसमें कौन-कौन सी औषधियां मिलाने का दावा किया जा रहा है, इसे कौन बनाता है और कैसे बनता है, इस बारे में जानना भी बहुत जरूरी है. 

कहां बनता है यह तेल?

पश्चिम एवं दक्षिण भारत के जंगली इलाकों (कर्नाटक) में हक्की पिक्की जनजाति समुदाय है जो जानवरों और पक्षियों का शिकार करती है. यह कर्नाटक की एक अनुसूचित जनजाति है और इसे ऐतिहासिक दृष्टि से राणा प्रताप सिंह से संबंधित माना जाता है.

वाइल्ड लाइफ लॉ के कारण जब शिकार बैन हो गया तो वहां के लोगों ने नेचुरल इंग्रेडिएंट से कई चीजों को बनाना शुरू किया था. उसमें से एक था, 'आदिवासी हेयर ऑयल'. नेचुरल इंग्रेडिएंट से बने होने के कारण इसकी चर्चा शुरू हो गई और आज के समय में कई लोग इस तेल को बेचते हैं और बालों के लिए फायदेमंद होने का दावा करते हैं.

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आदिवासी हेयर ऑयल के क्या फायदे बताए गए हैं?

आदिवासी हेयर ऑयल की ऑफिशिअल वेबसाइट पर इस तेल की खासियत और कुछ फायदे बताए गए हैं. उनका कहना है कि पूर्वज 5 पीढ़ियों से अधिक समय से अपने लिए घर पर ही इस तेल को बनाते आ रहे हैं. उनके तेल में पैराबन नहीं है, सिलिकॉन नहीं है, पैराफिन नहीं है. कहा जा रहा है कि उनका तेल रूसी खत्म करने, बालों को मजबूती देने, गंजे लोगों के सिर पर बाल उगाने, बालों को झड़ने से रोकने में फायदेमंद है.

लोगों को क्यों हो रहा है विश्वास?

सेलेब्रिटीज और इंफ्लूएंसर्स इस तेल का ऐड कर रहे हैं और इस तेल का उपयोग करने के लिए इंफ्लूएंस कर रहे हैं तो कई लोगों के मन में यह बात जरूर आती होगी कि इसे उपयोग करके देखना चाहिए. वहीं दूसरी ओर इसके तेल की कीमत 250, 500, 1000 मिली की क्रमश: 999, 1499 और 3000 रुपये है. अब ऐसे में लोगों को लग रहा है कि जब तेल इतना महंगा है तो फायदा जरूर करेगा.

इतना फेमस कैसे हुआ ये तेल?


हर सेलेब्स-इंफ्लूएंसर के इंफ्लूएंस करने का तरीका एक ही है कि वे बेंगलुरु गए और उन कारखानों का टूर किया, जहां इस तेल को बनाया जाता है. वहीं, अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी इस तेल की फोटो लगाते हैं जो लोगों की नजर में आ जाता है.

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इस तेल के ऐड में लंबे बाल वाले पुरुषों-महिलाओं को दिखाया गया है. इससे हर किसी की नजर ऐड में नजर आ रहे बड़े-बड़े बाल वाले पुरुषों और महिलाओं पर जाती है. अब ऐसे में हर किसी को लंबे, घने और काले बाल की चाह होती है तो वे लोग भी उसके बारे में पढ़ते हैं और दूसरे लोगों से बात करते हैं.

लेकिन हम नहीं जानते कि जो लोग इसका ऐड कर रहे हैं, उन्होंने कभी इसका यूज किया भी है या नहीं. कई लोग इस तेल के फायदों से संतुष्ट नहीं हैं और उसे एक स्कैम बता रहे हैं. इससे यह तेल और वायरल हो गया है. 

एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?

अगर हेयर ऑयल बेचने वालों के बाल लंबे और चमकदार हैं तो इसमें कोई हैरानी वाली बात नहीं है. यह तेल कर्नाटक के हक्की पिक्की समुदाय द्वारा अगर बनाया गया है तो उनके पूर्वजों की जड़ें जंगल और वहां से प्राप्त चीजों से जुड़ी हुई हैं. प्रकृति के इतने करीब होने के कारण उनके काले, लंबे और घने बाल होना उनके जेनेटिक्स और वहां के खान-पान और पर्यावरण के कारण भी हो सकता है.

वहां के लोगों की लाइफस्टाइल, शहरी लाइफस्टाइल से काफी अलग है. वहां पॉल्यूशन नहीं होता, प्राकृतिक उत्पादों का उपयोग से उनके बालों पर पॉजिटिव असर होता है. इसलिए हो सकता है कि उनके बाल केवल तेल लगाने से नहीं बल्कि नेचुरल रूप से ही ऐसे हों. आदिवासी हेयर ऑयल के दावे पर एक्सपर्ट का क्या कहना है, इस बारे में जानते हैं.

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गंजी खोपड़ी पर बाल उगाए

मुंबई के पवई स्थित द इटर्न क्लिनिक के कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजिस्ट और हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. सैय्यद अजारा टी. हामिद (Dr Sayyad Ajara T Hamid) ने इंडिया टुडे को बताया, 'गंजापन या मेंस हेयर बाल्डनेस पुरुषों में होने वाला सबसे कॉमन गंजापन है जिसमें पुरुषों के कनपटी के आसपास से बाल झड़ने लगते हैं और उनकी हेयरलाइन ऊंची होने लगती है. प्रोस्टाग्लैंडीन असंतुलन, बालों की जड़ों में सूजन, जेनेटिक्स, न्यूट्रिशन सही न होने जैसे कई कारक इसके जिम्मेदार होते हैं. गंजेपन के कारण को पहचानना और फिर उसका इलाज करना जरूरी है. सिर्फ हेयर ऑयल से गंजेपन को ठीक नहीं किया जा सकता.'

काफी सारे प्राकृतिक इंग्रेडिएंट हैं

आदिवासी हेयर ऑयल के मेकर्स दावा करते हैं कि इस तेल में 108 या 180 प्राकृतिक इंग्रेडिएंट मिले हुए हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अधिक इंग्रेडिएंट होने का यह मतलब नहीं है कि यह हेयरग्रोथ में काम करेगा. 

डॉ. अजारा बताते के मुताबिक, आदिवासी हेयर ऑयल में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. हालांकि इसमें कुछ एलोपैथिक गुण हो सकते हैं. जैसे इस तेल में आंवला होता है जो बालों की ग्रोथ के लिए फायदेमंद माना जाता है. इसमें मौजूद नीम के पत्तों में एजाडिरेक्टिन और निम्बिडिन एल्कलॉइड होते हैं, जिनमें सूजनरोधी और रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो स्कैल्प के संक्रमण को रोक सकते हैं. आज कल लोग 'हर्बल' नाम पढ़ते ही उसकी ओर आकर्षित हो जाते हैं जो गलत है.

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बाल झड़ने से रोके

अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन का कहना है कि बालों के झड़ने के कई कारण हो सकते हैं जिसमें हार्मोनल चैंजेस, स्ट्रेस, पर्यावरण, अधिक कैमिकल वाले शैंपू का उपयोग, खान-पान में बदलाव आदि शामिल हैं.

बालों के तेल और उपचार मौजूदा बालों के स्वास्थ्य को बनाए रखने और बढ़ाने में बेहतर काम करते हैं, बजाय उन क्षेत्रों में नए बालों के विकास को प्रोत्साहित करने के, जहां रोम छिद्र काम करना बंद कर देते हैं."

गुरुग्राम के सीके बिड़ला अस्पताल में स्किन रोग एक्सपर्ट और हेयर केयर एक्सपर्ट डॉ. रूबेन भसीन पासी का कहना है, 'यदि आपके बाल झड़ने का कारण रूसी है तो आप रूसी को ठीक कर सकते हैं. हेयर ऑयल से इसमें मदद नहीं मिलेगी. हेयर ऑयल और अन्य ट्रीटमेंट से बालों को हेल्दी बनाए रखने में मदद मिल सकती है न कि बालों के बंद रोमछिद्रों में हेयर ग्रोथ करने में मदद करेंगे.'

रूसी कम करता है

डॉ. पासी का कहना है, 'बालों में तेल लगाने का मुख्य उद्देश्य आपके बालों को चिकना करना है. इसका रूसी से कोई संबंध नहीं है. बल्कि अगर कोई अधिक तेल डालता है तो उसके बालों में रूसी हो सकती है. कंपनी का कहना है कि अच्छे रिजल्ट के लिए दिन में 2 बार तेल डालना होगा. अगर कोई ऐसा करता है तो रूसी की समस्या बढ़ सकती है क्योंकि नमी वाले वातावरण में फफूंद और बैक्टीरिया अधिक पनपते हैं.'

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इस तेल का उपयोग करना कितना सही?

डॉक्टर्स का कहना है कि इस तेल की सामग्रियों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. सिर्फ सेलेब्स और इंफ्लूएंसर्स के बताने पर इसका यूज करना सही नहीं है. बिना आधार वाले इस तेल का यूज करने की अपेक्षा अगर आप बाल झड़ने, रूसी और अन्य बालों की समस्याओं से परेशान है तो पहले डॉक्टर से संपर्क करें.

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