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ऑफिस में लैपटॉप पर 'क्या-क्या' देख रहे हैं लोग, सामने आई चौंकाने वाली रिपोर्ट

ऑफिस में पोर्न देखना काफी शर्मनाक माना जाता है. कई रिचर्स में लोगों ने माना है कि वह ऑफिस में काम करते समय एडल्ट फिल्में देखने में बिल्कुल भी संकोच नहीं करते. ऐसे में यह जानना काफी जरूरी है कि आखिर लोग ऐसा क्यों करते हैं और इसके पीछे क्या कारण है.

porn in office or workplace (Photo Credit: Getty images) porn in office or workplace (Photo Credit: Getty images)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 5:32 PM IST
  • सबसे ज्यादा लोग रात के 10 बजे से लेकर 1 बजे तक पोर्नोग्राफी देखते हैं
  • काम करते समय पॉर्न देखना काफी कॉमन

ऑफिस में काम करते समय अधिकतर लोग बीच-बीच में उठकर कुछ देर का ब्रेक लेते हैं. इस दौरान कई लोग थोड़ी वॉक करते हैं तो वहीं कुछ लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं, कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इस ब्रेक टाइम में शॉपिंग साइट्स पर कुछ ना कुछ सर्च करते हैं. लेकिन क्या लोग ऑफिस के घंटों में पॉर्न भी देख रहे हैं?

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ऑफिस में पॉर्न देखना काफी शर्मनाक माना जाता है लेकिन एडल्ट कॉन्टेंट प्लेटफॉर्म, साइबर सिक्योरिटी और साइकोलॉजिस्ट का मानना है कि काम करते समय पॉर्न देखना काफी कॉमन है. 

इसे लेकर हुई एक रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि काम करते समय पॉर्न देखना उतना भी असामान्य नहीं है, जितना लोग इसे समझते हैं. डिजिटल लाइफस्टाइल मैगजीन 'शुगरकुकी' के लिए किए गए एक ग्लोबल सर्वे में यह खुलासा हुआ कि 60 प्रतिशत से अधिक लोगों ने माना कि उन्होंने ऑफिस में काम करते हुए पॉर्न देखा था.

वहीं, साल 2020 में सिक्योरिटी फर्म कास्पर्सकी की ओर से किए गए एक सर्वे के मुताबिक, वर्क फ्रॉम होम करने वाले आधे से ज्यादा कर्मचारियों ने इस बात को माना कि वे कंप्यूटर या मोबाइल फोन पर एडल्ट कॉन्टेंट देखने में संकोच नहीं करते हैं. 

साल 2021 में दुनिया की सबसे बड़ी पॉर्न साइट, पॉर्नहब के लिए की गई एक ग्लोबल स्टडी में इस बात का समर्थन किया गया कि लोग काम के घंटों के दौरान पोर्नोग्राफी देखते हैं. आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा लोग रात के 10 बजे से लेकर 1 बजे तक पॉर्नोग्राफी देखते हैं. वहीं, डाटा में यह भी सामने आया कि ऐसे बहुत से लोग हैं जो शाम के 4 बजे भी पॉर्नोग्राफी देखते हैं, जब ऑफिस का टाइम खत्म होने वाला होता है. 

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काम के दौरान पॉर्नोग्राफी देखने के कई मामले सामने आते रहते हैं. कुछ समय पहले ही ब्रिटेन में एक ऐसा ही मामला सामने आया था जहां नील पैरिश नाम के एक सांसद, संसद भवन में बैठकर पॉर्नोग्राफी देखते हुए पकड़े गए थे. भारत में भी इस तरह का एक मामला सामने आया था जहां कर्नाटक विधानसभा में तीन मंत्रियों को मोबाइल फोन में पॉर्नोग्राफी देखते हुए पकड़ा गया था. 

ऐसे में सवाल यह उठता है कि ऑफिस में पॉर्न देखने की सख्त मनाही होने के बावजूद भी क्यों लोग ऐसा करते हैं? आइए जानते हैं इसके बारे में - 

क्यों ऑफिस में पोर्नोग्राफी देखते हैं कर्मचारी?

साइकोलॉजिकल रिसर्च में यह बात सामने आई है कि ऑफिस में पॉर्नोग्राफी देखने का सबसे बड़ा कारण यह होता है कि लोग काम के दौरान बोरियत महसूस करते हैं, ऐसे में पॉर्न देखकर वो लोग खुद का ध्यान भटकाने की कोशिश करते हैं. वहीं, बहुत से लोग ऑफिस में पॉर्न इसलिए देखते हैं ताकि नए एक्सपीरिएंस का मजा ले सकें. अक्सर लोग पॉर्न इसलिए भी देखते हैं ताकि उन्हें कुछ नया एक्सपीरियंस मिल सके जो आमतौर पर उन्हें अपनी सेक्स लाइफ से नहीं मिल पाता. 

यूके में बर्मिंघम सिटी यूनिवर्सिटी में हेल्थ साइकोलॉजी के प्रोफेसर क्रेग जैक्सन ने बीबीसी को बताया, ये सभी फैक्टर वर्कप्लेस पर लोगों को पॉर्नोग्राफी देखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं लेकिन क्रेग का यह भी कहना है कि ज्यादातर लोग जो ऑफिस में पॉर्नोग्राफी देखते हैं, वो उस तरीके से रिएक्ट नहीं कर पाते जैसे वह घर पर पॉर्न देखते समय करते हैं. 

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क्रेग ने कहा, ऑफिस में पॉर्नोग्राफी ऐसे कर्मचारी देखते हैं जिन्हें किसी बात पर बहुत गुस्सा आता है. ये लोग स्ट्रेस कम करने और नई चुनौतियों का सामना करने के लिए ऐसा करते हैं. 

क्रेग का कहना है कि बहुत से कार्यालयों में कर्मचारियों को महसूस होता है कि उन्हें बॉस की ओर से इग्नोर किया जा रहा है. ऐसे में इन सभी नकारात्मक विचारों से डील करने के लिए लोग पॉर्नोग्राफी का सहारा लेते हैं. 

 

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