
देश में कोरोना वायरस एक बार फिर पैर पसारने लगा है. पिछले कुछ दिनों में देश में कई कोरोना केस सामने आए हैं. सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से सावधान रहने और कोरोना के नियमों का पालन करने की सलाह दी है. हालांकि इस बीच एम्स के पूर्व निदेशक और मेदांता के वर्तमान चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने लोगों से सर्तक रहने की अपील की है.
डॉ. गुलेरिया ने कही ये बात
इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनल मेडिसिन एंड रेस्पिरेटरी एंड स्लीप मेडिसिन के अध्यक्ष और मेदांता में चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा, नया कोविड वैरिएंट JN.1 तेजी से उभर रहा है. यह इसलिए फैल रहा है क्योंकि यह अधिक संक्रामक है और यह प्रतिरक्षा तंत्र को चकमा देने में सक्षम है. अच्छी बात यह है कि भले ही कोरोना के मामले बढ़े हैं लेकिन मरीजों की अस्पताल में भर्ती होने वाली स्थिति नहीं है और ना ही मौतों में कोई वृद्धि हो रही है. इसलिए यह एक माइल्ड वैरिएंट है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, कोरोना के एक्टिव केस 3,000 से बढ़कर 3,420 हो गए हैं. यह आंकड़े कोरोना के नए सब-वैरिएंट जेएन.1 के मामलों में हो रही वृद्धि के बीच सामने आए हैं.
इस बीच कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामिनाथन ने भी कहा है कि भारत के लोगों को बहुत डरने की कोई जरूरत नहीं है. बस वायरस के प्रति सावधान रहने की जरूरत है.
कोरोना नियम अपनाने जरूरी
कोरोना के नए वैरिएंट से बचने के लिए कोरोना के नियमों का पालन करना जरूरी है. मास्क पहनना, सोशल डिस्टैंसिंग और साफ-सफाई जरूरी है. इससे संक्रमण से सुरक्षित रहा जा सकता है.
स्वास्थ्य विभाग और WHO का कहना है कि फिलहाल पैनिक होने की जरूरत नहीं हैं. बस सावधानी जरूर बरतें. WHO ने बुधवार को कोरोना को 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' के रूप में वर्गीकृत किया है. गाइडलाइन में कहा है कि भीड़भाड़ वाले या बंद स्थान और दूषित हवा वाले इलाकों में मास्क जरूर पहनें. सोशल डिस्टेंसिंग को भी आदत में डालें. यह जरूरी भी है. कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 के मरीज बढ़ने के बाद कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में एडवाइजरी जारी की गई है.
स्वास्थ्य विभाग ने कही ये बात
राज्य के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग ने गुरुवार को एडवाइजरी में कहा कि अगर हल्की सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम और गले में खराश से पीड़ित मरीज समय पर चिकित्सकीय सलाह लें तो बीमारी को प्रभावी ढंग से और तुरंत नियंत्रित किया जा सकता है. एडवाइजरी में कहा गया है कि अगर संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं तो निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की सलाह के अनुसार कोविड-19 का परीक्षण और उपचार समय पर किया जाना चाहिए.