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इन 5 गलतियों का डाइजेशन पर बुरा असर, एक रुपया खर्च किए बगैर ऐसे सुधारें

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. दीक्षा भवसार कहती हैं कि रोजाना होने वाली कुछ सामान्य गलतियों का हमारे डाइजेशन सिस्टम पर बहुत बुरा असर होता है. अगर इन गलतियों को सुधार लिया जाए तो दवाओं पर पैसा खर्च किए बगैर डाइजेशन को सुधारा जा सकता है.

एक रुपया खर्च किए बगैर कैसे सुधारें डाइजेशन सिस्टम? अपनाएं ये आयुर्वेदिक तरीका (Photo: Getty Images) एक रुपया खर्च किए बगैर कैसे सुधारें डाइजेशन सिस्टम? अपनाएं ये आयुर्वेदिक तरीका (Photo: Getty Images)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 10:16 AM IST
  • खाने से जुड़ी से 5 गलतियां डाइजेशन पर डाल रहीं बुरा असर
  • दवाओं पर पैसा बर्बाद किए डाइजेशन सिस्टम रखें दुरुस्त

आंतों की सेहत का हमारे स्वस्थ जीवन में कितना अहम किरदार है, इससे सब अच्छी तरह वाकिफ हैं. डाइजेशन के सही फंक्शन में जिनती बड़ी भूमिका डाइट और फिजिकल एक्टिविटीज की होती है, लाइफस्टाइल से जुड़ी कुछ आदतों पर गौर करना भी उतना ही जरूरी है. आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. दीक्षा भवसार कहती हैं कि रोजाना होने वाली कुछ सामान्य गलतियों का हमारे डाइजेशन सिस्टम पर बहुत बुरा असर होता है. अगर इन गलतियों को सुधार लिया जाए तो दवाओं पर पैसा खर्च किए बगैर डाइजेशन को सुधारा जा सकता है.

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1. खाने के बाद नहाना- आयुर्वेद के अनुसार, इंसान की हर एक्टिविटी के लिए एक निश्चित समय निर्धारित किया गया है. इन्हें बेवक्त पूरा करने से हमारे शरीर को बड़े नुकसान हो सकते हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक, खाना खाने के करीब दो घंटे बाद तक नहाने से बचना चाहिए. दरअसल शरीर में मौजूद फायर एलिमेंट खाना पचाने में मदद करते हैं. खाने के बाद ये एलिमेंट अपने आप एक्टिवेट हो जाते हैं और डाइजेशन प्रोसेस के लिए हमारा ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है. लेकिन जब आप खाने के बाद नहाने की गलती करते हैं तो शरीर का तापमान कम हो जाता है और डाइजेशन सिस्टम भी स्लो हो जाता है.

खाने के बाद चलना- तेज चलना शरीर के लिए बहुत अच्छी एक्सरसाइज मानी जाती है. लेकिन खाने के तुरंत बाद चलना डाइजेशन के लिए नुकसानदायक हो सकता है. डॉ. भवसार कहती हैं, 'ज्यादा लंबी वॉकिंग, स्विमिंग या एक्सरसाइज, ये सभी वात बढ़ाने वाली क्रियाएं हैं जो डाइजेशन से जुड़ी दिक्कतों को बढ़ावा दे सकती हैं. इससे खाने के बाद पेट में सूजन, न्यूट्रिशन एब्सर्प्शन में कमी और बेचैनी की दिक्कत हो सकती है.'

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दो बजे के बाद लंच- क्या आप जानते हैं खाना खाने के लिए भी एक निश्चित समय निर्धारित किया गया है. आयुर्वेद में दोपहर 12 बजे से लेकर 2 बजे तक किसी भी वक्त लंच करने की सिफारिश की गई है, जब सूर्य अपने चरम पर होता है. ये दिन का वो समय होता है जब पित्त अधिक प्रबल होता है, जो खाना आसानी से पचाने में मदद करता है. यही कारण है कि आयुर्वेद में दोपहर का भोजन बहुत जरूरी बताया गया है और इस दौरान आप पेट भरकर खा सकते हैं.

रात को दही- दही खाने से हमारे शरीर को ढेरों फायदे होते हैं, लेकिन रात के वक्त दही कभी नहीं खानी चाहिए. एक्सपर्ट के मुताबिक, 'दही का खट्टा-मीठा स्वाद शरीर में वात और पित्त दोष को बढ़ाता है. रात के वक्त शरीर में कफ प्राकृतिक रूप से हावी रहती है और इस समय दही खाने से ये काफी बढ़ जाती है. ये ना सिर्फ हमारी आंतों में जमती है, बल्कि कब्ज की समस्या भी पैदा कर देती है.'

खाने के बाद तुरंत सोना- रात को डिनर के बाद तुरंत बिस्तर पकड़ने की गलती कभी नहीं करनी चााहिए. आयुर्वेद के अनुसार, रात को खाने और सोने के बीच करीब तीन घंटे का गैप होना जरूरी है. एक्सपर्ट कहती हैं, 'नींद के दौरान हमारा शरीर रिपेयर और रीस्टोर होता है. जबकि दिमाग दिनभर के विचारों, भावनाओं और अनुभवों को डाइजेस्ट करता है. शरीर की ऊर्जा जब फिजिकल डाइजेशन में तब्दील हो जाती है तब ये फिजिकल ट्रीटमेंट और मेंटल डाइजेस्टिव प्रोसेस रुक जाता है.'

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