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Beer Benefits: बीयर पीने वालों के लिए आई खुशखबरी! वैज्ञानिकों का दावा- ना पीने वालों का है नुकसान

विशेषज्ञों ने 60 साल से अधिक उम्र के 25 हजार लोगों के पीने की आदत और डिमेंशिया पर रिसर्च की. निष्कर्ष में सामने आया कि जो लोग निश्चित मात्रा में बीयर पीते हैं, उनमें डिमेंशिया का खतरा कम हो सकता है.

सांकेतिक फोटो (Image credit: getty images) सांकेतिक फोटो (Image credit: getty images)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:21 PM IST

'शराब पीना सेहत के लिए हानिकारक होता है' यह चेतावनी हर जगह पढ़ी ही होगी. एक्सपर्ट का मानना है कि अगर अल्कोहॉल को सीमित मात्रा में लिया जाए तो सेहत को कुछ फायदे भी हो सकते हैं. शराब के कई प्रकार होते हैं जैसे, हार्डड्रिंक, बीयर, जिन, वोदका आदि. हाल ही में वैज्ञानिक बीयर पीने वालों के लिए खुशखबरी लेकर आए हैं. उन्होंने दावा किया है कि हर रात बीयर पीने से डिमेंशिया  का खतरा कम हो सकता है. उन्होंने अपनी रिसर्च में इस बात का खुलासा किया है. हालांकि, इसका मतलब ये नहीं है कि आप जमकर शराब पीना शुरू कर दें क्योंकि शोध में साफ कहा गया है कि बहुत कम मात्रा में बीयर पीने पर ही इसके कुछ फायदे हैं.

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क्या पाया रिसर्च में

ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने 60 साल से अधिक उम्र के 25 हजार लोगों के पीने की आदतों को देखा और उस पर रिसर्च किया. वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पाया कि जो लोग एक दिन में 946 मिली (दो पिंट) बीयर पीते थे, उनमें मेमोरी लॉस (memory-robbing condition ) की तुलना एक तिहाई कम थी. 

निष्कर्ष के मुताबिक, ना पीने वालों को सबसे अधिक खतरे का सामना करना पड़ा क्योंकि ना पीने वाले लोगों में पीने वाले लोगों की तुलना में डिमेंशिया का खतरा पांच गुना अधिक था. रिसर्चर्स ने कहा कि जो लोग शराब नहीं पीते हैं, उन लोगों में डिमेंशिया से बचे रहने का कोई लक्षण नहीं था. हालांकि यह रिसर्च मीडियम पीने वाले लोगों पर ही सकारात्मक रिजल्ट देती है लेकिन जो लोग अधिक पीते हैं, उनकी सेहत को खतरा बताया है.

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30 सालों में तीन गुना हुई डिमेंशिया की बीमारी

डॉ लुईस मेवटन और उनके सहयोगियों के मुताबिक, "डिमेंशिया का जोखिम पिछले 30 सालों में तीन गुना हो चुका है. पहले अनुमान लगाया था कि अगर जोखिम वाले कारणों को खत्म कर दिया जाए तो दुनिया भर में 10 में से चार डिमेंशिया के मामलों को रोका जा सकता है. मोटापा भी डिमेंशिया के सबसे बड़े जोखिम कारकों में से एक है." 

15 रिसर्च के डेटा का हुआ प्रयोग

न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी की टीम ने 15 पुरानी रिसर्च से डेटा कलेक्ट किया और उसमें शराब पीने वाले और डिमेंशिया से पीड़ित  24,478 से अधिक लोगों का डेटा शामिल था.

इन लोगों को कम, मीडियम और अधिक पीने वालों की कैटेगरी में बांटा गया था. इसमें इथेनॉल कंपाउंड के बारे में जानकारी जुटाई गई थी कि कौन व्यक्ति कितनी मात्रा में इथेनॉल ले रहा है.

उदाहरण के लिए 473 मिली बीयर में लगभग 16 ग्राम इथेनॉल और मीडियम साइज की वाइन में लगभग 18 ग्राम इथेनॉल होता है. रिसर्चर्स ने पाया कि  प्रति दिन 40 ग्राम इथेनॉल पीना डिमेंशिया के खतरे को कम कर सकता है. रिसर्च में ऐसे लोग शामिल थे जो पिछले 40 सालों से शराब पी रहे थे. 

जर्नल एडिक्शन में पब्लिश हुए निष्कर्षों के आधार पर कहा जा सकता है कि उनमें से सिर्फ 2,124 लोगों को डिमेंशिया की शिकायत थी. जमकर शराब पीने वालों की तुलना में कभी-कभार या सीमित मात्रा में पीने वाले लोगों को डिमेंशिया होने की संभावना 22 प्रतिशत कम थी और जो लोग दिन में 1.18 लीटर (ढाई पिंट) तक पीते हैं, उनमें शराब ना पीने वालों की तुलना में डिमेंशिया का खतरा 38 प्रतिशत कम था.

वैज्ञानिकों का कहना है कि मीडियम मात्रा में पी गई शराब मस्तिष्क में प्लाक बनने से रोकती है जो कई बीमारियों का कारण है. बिल्कुल शराब ना पीने वालों की तुलना में अधिक पीने वालों में भी में डिमेंशिया होने का जोखिम 19 प्रतिशत कम था. 

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अच्छा कोलेस्ट्रॉल बढ़ाती है

वैज्ञानिकों ने बताया कि मीडियम मात्रा में अल्कोहल के सेवन से अच्छा कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है. हालांकि, उन्होंने इस बारे में भी बताया रिसर्च में जो डेटा प्रयोग हुआ था, वह रिसर्च में शामिल हुए लोगों ने ही दिया था. अगर सच में लोगों ने सही जानकारी दी है तो यह रिसर्च सही हो सकती है. कुछ रिसर्चों में यह  भी पाया गया है कि वाइन ही डिमेंशिया से बचा सकती है.

अधिक मात्रा में शराब पीने से हाई ब्लडप्रेशर, स्ट्रोक, लिवर डिसीज और कुछ तरह के कैंसर के साथ ही डिमेंशिया का खतरा भी बढ़ जाता है. अल्जाइमर रिसर्च यूके की रिसर्च हेड डॉ. सारा इमारिसियो ने कहा, 'रिजल्ट से पता चला है कि जिन लोगों ने कभी शराब नहीं पी थी, उनमें डिमेंशिया विकसित होने की संभावना उन लोगों की तुलना में अधिक थी, जो लोग शराब पीते थे.

शराब मस्तिष्क की कोशिकाओं के लिए जहर की तरह काम कर सकता है इसलिए अधिक मात्रा में शराब पीने से दिमाग के काम करने का तरीका बदल जाता है और शरीर को विटामिन अब्जॉर्व करने से रोकता है. 

(Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च के आधार पर दी गई है. हम बीयर पीने की सलाह बिल्कुल नहीं देते हैं.)

 

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